Edited By ,Updated: 06 Mar, 2015 03:56 AM
शिरोमणि अकाली दल द्वारा जहां एक तरफ केंद्र की राजग सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन का विरोध किया गया है वहीं, दूसरी ओर ...
जालंधर (धवन): शिरोमणि अकाली दल द्वारा जहां एक तरफ केंद्र की राजग सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन का विरोध किया गया है वहीं, दूसरी ओर पंजाब से संबंधित 2 केंद्रीय मंत्री एम्स की स्थिति को लेकर आपस में भिड़ गए हैं।
केंद्र ने पंजाब में ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ मैडीकल साइंसिज (एम्स) स्थापित करने को मंजूरी दी है। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री हरसिमरत कौर बादल ने एम्स की स्थापना भटिंडा में करने का मामला उठाया हुआ है। उनका कहना है कि मालवा क्षेत्र कैंसर की बुरी तरह से चपेट में आया हुआ है इसलिए एम्स भटिंडा में बनने से मालवा के लोगों को लाभ मिलेगा।
दूसरी ओर केंद्रीय समाज कल्याण राज्यमंत्री विजय सांपला ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सरकारी पत्र लिखकर मांग की है कि एम्स होशियारपुर में स्थापित किया जाना चाहिए।
28 फरवरी को भेजे गए पत्र में सांपला ने कहा है कि होशियारपुर संसदीय क्षेत्र में पड़ते तलवाड़ा शहर में भाखड़ा ब्यास मैनेजमैंट बोर्ड की भूमि पर अधूरा अस्पताल बनाया गया था। इसे आधुनिक अस्पताल का दर्जा दिया जा सकता है। इसके लिए नई जमीन भी अधिगृहीत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। तलवाड़ा में बी.बी.एम.बी. अस्पताल 680 एकड़ जमीन पर 1990 के दशक में बनाया गया था। इसको एम्स में आसानी से परिवर्तित किया जा सकता है। एम्स को लेकर अकाली दल व भाजपा में ठन गई है। हाल ही में सम्पन्न नगर निगम व कौंसिल चुनावों में भी दोनों पाॢटयों के मध्य तीखे मतभेद उभरे थे।
सांपला का कहना था कि केंद्रीय अस्पताल पंजाब के केंद्रीय शहर में स्थापित होना चाहिए। भटिंडा काफी दूर पड़ेगा। दूसरी ओर हरसिमरत के निकटवर्तियों का मानना था कि प्रत्येक कैबिनेट मंत्री को अपने विचार रखने व अपने क्षेत्र की मांग उठाने का अधिकार है। फैसला तो अन्तत: केंद्र सरकार ने लेना है।