प्राइवेट कंपनियों को दी जाएगी ट्रेन चलाने की जिम्मेदारी!

Edited By ,Updated: 02 Apr, 2015 04:03 AM

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क्या रेलवे में ऐसे बदलाव होंगे जिससे इसका पूरा ढांचा ही बदल जाएगा? अगर मोदी सरकार ने रेलवे पर गठित एक कमेटी की सिफारिशें मान लीं

नई दिल्ली: क्या रेलवे में ऐसे बदलाव होंगे जिससे इसका पूरा ढांचा ही बदल जाएगा? अगर मोदी सरकार ने रेलवे पर गठित एक कमेटी की सिफारिशें मान लीं तो इसका जवाब होगा हां। दरअसल रेलवे में सुधार के लिए मोदी सरकार ने विवेक देबराय की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था। 

इस कमेटी ने अपनी सिफारिशों में कई बड़े बदलाव की बात कही है। कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक यात्री और मालगाड़ी चलाने का काम प्राइवेट कंपनियों को सौंप दिया जाना चाहिए। अगर कमेटी की बातें मान ली जाती हैं तो गाड़ी के डिब्बे और इंजन आदि  बनाने  का  काम  भी प्राइवेट कंपनियों के हाथों में सौंपा जा सकता है। 
 
जानकारी के मुताबिक विवेक देबराय समिति ने कहा है कि रेलवे का मूल काम केवल ट्रेन चलाना होना चाहिए, न कि स्कूल और अस्पताल आदि का प्रबंधन करना। समिति ने ‘इंडियन रेलवे मैन्युफैक्चरिंग कंपनी’ बनाने की भी सिफारिश की है जिसके अंतर्गत रेलवे की सभी प्रोडक्शन यूनिट लाने की बात कही गई है। गौरतलब है कि केंद्र में मोदी सरकार के गठन के बाद से ही रेलवे में बदलाव की पहल हो चुकी है।

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