फेसबुक पर उससे गाली-गलौच किया था दीपांश-सिमरण ने, मार डाला

Edited By ,Updated: 05 Apr, 2015 04:31 AM

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दीपांश-सिमरण तो मेरे दोस्त रहे थे। उनके साथ मेरी कोई दुश्मनी नहीं थी लेकिन दीपांश ने फेसबुक पर ...

जालंधर (प्रीत): दीपांश-सिमरण तो मेरे दोस्त रहे थे। उनके साथ मेरी कोई दुश्मनी नहीं थी लेकिन दीपांश ने फेसबुक पर उसके व उसके किसी ‘खास’ के बारे में गाली-गलौच किया, बल्कि दीपांश सिमरण को मैसेज भी दिया गया कि वह विवाद से दूर रहें और प्रिंस हत्याकांड की पैरवी न करें लेकिन उन्होंने पैरवी बन्द नहीं की और उसके खिलाफ गाली-गलौच करते रहे। इसी रंजिश के कारण उनकी जान गई। ये शब्द दलजीत भाणा ने कहे।
 
गैंगस्टर दलजीत भाणा व उसके साथी कमिश्नरेट पुलिस के पास रिमांड पर हैं। बेशक पुलिस के पास आरोपियों से गहराई से पूछताछ करने के लिए 7 दिन हैं, लेकिन पुलिस समय गंवाने के चक्कर में नहीं है क्योंकि गैंगस्टर भाणा से पुलिस को प्रिंस, सिमरण, दीपांश हत्याकांड में शामिल उसके अन्य साथियों संबंधी पूछताछ तो करनी है ही, साथ ही सुक्खा काहलवां गैंग से जुड़े अन्य लोगों के बारे में भी पूछताछ करनी है। दोपहर बाद आरोपियों को सी.आई.ए. स्टाफ ले जाया गया, जहां कमिश्नरेट पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ शुरू की।
 
हत्याकांड में शामिल हैं और गैंगस्टर
 
दलजीत भाणा से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि हत्याकांड को अंजाम देने में भाणा के साथ नामजद आरोपियों के अतिरिक्त कई अन्य साथी भी शामिल थे जिनके नाम अभी तक सामने नहीं आए थे। इसके साथ ही जालंधर शहर के कई ऐसे लोगों पर भी शक की सुई टिकी है जिनसें वारदात के तुरंत बाद पूछताछ भी हुई लेकिन पुलिस उन्हे तोड़ नहीं पाई। 
 
जालंधर के एजैंट ने बनाए थे भाणा व संधू के पासपोर्ट
 
सूत्रों के मुताबिक दलजीत भाणा व रणबीर संधू दोनों वारदात के पश्चात जाली पासपोर्ट पर दुबई, बैंकॉक व कई अन्य जगहों पर घूम कर वापस लौटे आए थे। दरअसल में वे यू.एस.ए. जाना चाहते थे लेकिन उन्हें कोई सही रास्ता नहीं मिला जिस कारण वे वापस लौट आए।
 
पुलिस सूत्रों के मुताबिक भाणा के पासपोर्ट पर नवांशहर का पता था और संधू का पासपोर्ट भी जाली पते पर था। पुलिस को जाली पासपोर्ट बनवाने वाले एजैंट के बारे में जानकारी मिल गई है। पुलिस उक्त एजैंट की भी तलाश कर रही है।

वारदात के पश्चात ज्यादा समय पटियाला में ही रहा भाणा
 
पुलिस सूत्रों के मुताबिक दलजीत भाणा प्रिंस हत्याकांड और फिर दीपांश-सिमरण हत्याकांड के पश्चात ज्यादातर समय पटियाला में ही रहा। वह काफी कम घूमता-फिरता था। 
 
पता चला है कि पटियाला विश्व-विद्यालय के सामने स्थित जिस कालोनी में भाणा रुका हुआ था, उसके निकट ही एक थानेदार रहता है। कोठी में रोजाना दिन-रात के समय अलग-अलग नम्बर की गाडिय़ां आने-जाने तथा रह रहे युवकों की संदिग्ध गतिविधियां देखते हुए थानेदार को शक हुआ कि यहां शराब तस्करी होती है, लेकिन जब पुलिस ने रेड की तो भाणा भी पकड़ा गया। बताने योग्य है कि पटियाला पुलिस को नहीं पता था कि दलजीत भाणा 3 हत्याकांडों में वांछित है।

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