SFI ने दिया विश्वविद्यालय प्रशासन को अल्टीमेटम

Edited By ,Updated: 26 Apr, 2015 03:28 PM

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फीस वृद्धि मामले पर प्रदेश सरकार द्वारा गठित हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर सार्वजनिक करने का अल्टीमेटम एस.एफ.आई. ने विश्वविद्यालय प्रशासन को दिया है।

शिमला (अभिषेक): फीस वृद्धि मामले पर प्रदेश सरकार द्वारा गठित हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर सार्वजनिक करने का अल्टीमेटम एस.एफ.आई. ने विश्वविद्यालय प्रशासन को दिया है। एस.एफ.आई. ने चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह में यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई तो आम छात्रों को लामबंद कर संगठन विश्वविद्यालय परिसर में आंदोलन को तेज करते हुए धरना-प्रदर्शन किया जाएगा और इस दौरान मुख्यमंत्री व कुलपति का पुतला भी फूंका जाएगा। 
 
रविवार को पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए एस.एफ.आई. के विश्वविद्यालय इकाई सचिव विक्रम कायथ ने कहा कि फीस वृद्धि मामले पर प्रदेश सरकार की ओर से गठित हाईव पावर कमेटी की रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक न किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अब यह रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन के पास भी पहुंच गई है, ऐसे में एस.एफ.आई. की मांग है कि यह रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर सार्वजनिक की जाए अन्यथा आंदोलन को तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट सार्वजनिक न होने पर एक सप्ताह के बाद मुख्यमंत्री, कुलपति का पुतला भी फूंका जाएगा और विवि परिसर में धरने प्रदर्शन किए जाएंगे।
 
उन्होंने कहा कि फीस वृद्धि होने के बाद से एस.एफ.आई. आंदोलन चलाए हुए है और बीते सितम्बर माह में आंदोलन को शांत करने के लिए ही यह हाई पावर कमेटी गठित की थी, लेकिन कमेटी गठित होने के करीब 7 माह बाद भी कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि फीस वृद्धि के खिलाफ एस.एफ.आई. अंत तक संघर्ष करेगी और जब तक फीसें कम नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी एस.एफ.आई. ने फीस वृद्धि के खिलाफ आवाज बुलंद की और इस आवाज को दबाने के चलते अभी भी संगठन के 6 कार्यकत्र्ता जेल में बंद हैं।

फीस वृद्धि के कारण उच्च शिक्षा आम छात्रों से दूर होने लगी-कायथ
एस.एफ.आई. के विश्वविद्यालय इकाई सचिव विक्रम कायथ ने कहा कि विश्वविद्यालय में अत्याधिक फीस वृद्धि किए जाने से छात्रों पर आर्थिक भार पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने विभिन्न मदों पर समय-समय पर फीस वृद्धि की है, जिस वजह से उच्च शिक्षा आम छात्रों से दूर होने लगी है। उन्होंने कहा कि उनका सामने 6 छात्र ऐसे थे जोकि विभिन्न कोर्सों में प्रवेश केवल इसलिए नहीं ले पाए क्योंकि उनके लिए निर्धारित फीस देना मुश्किल हो रहा था। उन्होंने कहा कि पूर्व में जहां 280 रुपए में तीन फार्म भरे जा सकते थे, वहीं अब 700 रुपए में छात्र एक ही फार्म भर पाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रोस्पैक्ट्स व प्रवेश फार्म की कीमतों में भी वृद्धि कर दी गई है। उन्होंंने कहा कि कई विषयों में बार छात्रों की संख्या कम हुई है और इसका मुख्य कारण फीस वृद्धि है।

फीस वृद्धि व बजट बढ़ौतरी के बाद भी विवि का बजट घाटे में-
विक्रम कायथ ने कहा कि बीते वर्ष हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में  फीस वृद्धि की गई और इस वर्ष सत्र 2015-16 के लिए विश्वविद्यालय के सालाना बजट में 10 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है। उन्होंने इसके बावजूद विश्वविद्यालय का बजट घाटे का पारित हुआ है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्रों को पर्याप्त आधारभूत ढांचा भी उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है।

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