Edited By ,Updated: 25 May, 2015 09:17 AM
भगवान शिव को संहार का देवता कहा जाता है । भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं । अन्य देवों से शिव को भिन्न माना गया है .......
भगवान शिव को संहार का देवता कहा जाता है । भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं । अन्य देवों से शिव को भिन्न माना गया है । सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव हैं । भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए ही धर्म व लोक परंपराओं में अभिषेक, पूजा व मंत्र जप आदि किए जाते हैं लेकिन शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव का सबसे प्रभावी एवं सरल मंत्र :
' ॐ नम: शिवाय '
इस मंत्र का जाप समस्त वर्गों के लिए समान रूप से फलदायी है । भक्तिपूर्वक इस मंत्र का जाप करने से सभी तीर्थों के स्नान का फल प्राप्त होता है , बड़े से बड़े संकट का निवारण बड़ी सरलता से हो जाता है । जीवन को सुखमय बनाने के लिए प्रात: स्नान करके भगवान शंकर के शिवलिंग पर दूध चढ़ा कर 108 बार ' ऊँ नम: शिवाय ' मंत्र की पूजा से युक्त दंडवत नमस्कार करना चाहिए ।