Edited By ,Updated: 05 Jul, 2015 05:09 PM
पर्यटन का केंद्र पालमपुर इन दिनों बदहाली के आंसू रो रहा है। यहां लाखों की लागत से बना कूड़ा नष्ट करने वाला प्लांट ठप्प पड़ा है।
पालमपुर (संजीव राणा): पर्यटन का केंद्र पालमपुर इन दिनों बदहाली के आंसू रो रहा है। यहां लाखों की लागत से बना कूड़ा नष्ट करने वाला प्लांट ठप्प पड़ा है। क्योंकि यहां काम करने वाले कर्मचारी काम छोड़ कर भाग गए हैं।
बताया जा रहा है कि पालमपुर में पिछले वर्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस सयंत्र का उदघाटन किया था ताकि पालमपुर शहर को कूड़े से निजात मिल सके लेकिन आज पिछले 10 दिन से इस प्लांट पर कोई भी कर्मचारी तैनात नहीं है और यहां पर कूड़े के ढेर लगे पड़े है जिसे बंदर और कुत्ते अपना भोजन बना रहे हैं।
इतना ही नहीं आस-पास के गांव भी इस बदबू का शिकार हो रहे हैं। वहीं पालमपुर को अगर पर्यटन की दृष्टि से देखा जाए तो हर राज्य से यहां पर पर्यटक आते हैं क्योंकि मनाली जाने के लिए भी पालमपुर से होकर जाना पड़ता है जबकि नगर परिषद ने पालमपुर के कई हिस्सों में अपने कूड़े दान रख दिए हैं जो कि आने वाले हर मेहमान का स्वागत करता है। लेकिन आज यह प्लांट बंद पड़ा है क्योंकि यहां पर काम करने वाले लोग ही काम छोड़ कर भाग गए हैं और अब कूड़ा उठाए तो उठाए कौन।
यह अपने आप में एक बड़ा सवाल बन कर रह गया है जबकि नगर परिषद कार्यालय के मुख्यद्वार पर भी शराब की खाली पड़ी बोतलें यहां पर हर आने जाने वाले का स्वागत कर रही है जोकि बड़ी हैरानी की बात है। जब इस संदर्भ में नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी वी. आर. चौधरी से बात की गई तो उनका कहा है कि प्लांट के कर्मचारी भाग गए हैं लेकिन इसके बाबजूद भी 24 घंटे के अंदर इस प्लांट को बहाल कर दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने माली को बुला कर पार्क से बोतलें भी हटवाने के आदेश जारी किए।