Edited By ,Updated: 31 Jul, 2015 10:29 AM
1993 मुंबई बम बलास्ट के लिए वीरवार सुबह फांसी पर चढ़ाए गए याकूब मेमन ने 12 सितंबर 2006 को टाडा कोर्ट से दोषी ठहराए जाने पर अपना आपा खो दिया था और गुस्से में चिल्लाने लग पड़ा था।
मुंबई: 1993 मुंबई बम बलास्ट के लिए वीरवार सुबह फांसी पर चढ़ाए गए याकूब मेमन ने 12 सितंबर 2006 को टाडा कोर्ट से दोषी ठहराए जाने पर अपना आपा खो दिया था और गुस्से में चिल्लाने लग पड़ा था।
उसने कोर्ट में कहा था कि निर्दोष लोगों को आतंकी बताया जा रहा है। कोर्ट का फैसला सुनने के बाद उसने कहा कि सजा पर बहस के लिए हम वकील नहीं चाहते हैं।
13 साल बीत गए हैं। हमें आतंकी के रूप में पेश किया गया है। विस्फोट कांड के अन्य आरोपियों से खुद को अलग रखने वाला याकूब कोर्ट के फैसले के बाद अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख सका और चिल्लाने लगा कि वह विस्फोटों के लिए दोषी नहीं है।
टाडा कोर्ट के फैसले से पहले भी एक अन्य घटना में याकूब का गुस्सा फुट पड़ा था। तत्कालीन टाडा जज जेएन पटेल के सामने अचानक दौड़ते हुए आकर कहने लगा, 'टाइगर ने सही कहा था कि मुझे और मेरे परिवार को भारत नहीं जाना चाहिए क्योंकि वहां हमें सताया जाएगा।'