Edited By ,Updated: 03 Aug, 2015 11:56 AM
ट्विटर पर आज ‘बापूजी-को-रिहा-करो’ हैशटैग ट्रैड कर रहा है। इस हैशटैग के साथ आसाराम के समर्थक उन्हें रिहा करने की अपील कर रहे।
नई दिल्ली: ट्विटर पर आज ‘बापूजी-को-रिहा-करो’ हैशटैग ट्रैड कर रहा है। इस हैशटैग के साथ आसाराम के समर्थक उन्हें रिहा करने की अपील कर रहे है। आसाराम के समर्थक ट्विटर पर उनके पक्ष में कई कमेंट और तस्वीरें बनाकर पोस्ट कर रहे है। इनमें से कई लोगों ने ट्वीट कर कहा कि लड़की की सारी बातें काल्पनिक और बनावटी हैं, कोई भी आम आदमी भाप ले ऐसा झूठा केस दर्ज किया गया! आखिर क्यों? ‘बापूजी-को-रिहा-करो।’
इनमें से कुछ ने तो जललिता और लालू की बेल पर सवाल खड़े किए है, तो कुछ ने सुब्रमण्यम स्वामी के खुलासे को लेकर कई तस्वीरें पोस्ट की है कि आसाराम के खिलाफ सोनिया गांधी ने साजिश रची है। अन्य कमेंटों में कहा गया कि केस में मीडिया की नकारात्मक भूमिका की स्पष्ठ जांच हो! निर्दोष को बिना किसी सबूत के जेल में क्यों रखा? क्यूं हिन्दुस्तान में, निर्दोष संत सताए जा रहे? जागो भारत, संत का सम्मान करो! जमानत एक मौलिक अधिकार है जिससे आसारम को वंचित कर अन्याय किया जा रहा है। उस लड़की की हर जगह उम्र अलग होने का क्या मतलब है, क्या ये षड्यंत्र नही? अगर आरोपों में थोड़ी भी सच्चाई होती तो आज करोड़ों पढ़े-लिखे लोग आसारम का समर्थन न करते!
वहीं, आसाराम की जमानत को सिरे से गलत ठहराने वाले लोगों ने अपने ट्विटर अकांउट से कमेंट कर कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी का बयान बोगस है। इनमें से एक ने लिखा कि ट्विटर पर जिस तरह से ‘बापूजी-को-रिहा-करो’ हैशटैग ट्रैंड कर रहा है, वह सरासर गलत है। वह रेप के खिलाफ है, ईसलिए ‘बापूजी-को-फांसी-करो।’ इस तरह आसाराम को लेकर ट्विटर पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया आ रही है। अब ये तो समय ही बता सकता है कि कौन सही है और कौन गलत?