Edited By ,Updated: 03 May, 2016 09:28 AM
सांसद अपनी सैलरी और अलाउंस में 100% का इजाफा चाहते हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर ऐतराज है। सैलरी में बढ़ौतरी के लिए एक पार्लियामेंट्री कमेटी इसकी सिफारिश भी कर चुकी है।
नई दिल्ली: सांसद अपनी सैलरी और अलाउंस में 100% का इजाफा चाहते हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर ऐतराज है। सैलरी में बढ़ौतरी के लिए एक पार्लियामेंट्री कमेटी इसकी सिफारिश भी कर चुकी है। इस सिफारिश पर पीएम मोदी ने कहा कि अपने सैलरी पैकेज के बारे में सांसदों को खुद फैसला नहीं करना चाहिए। इस मसले पर पीएम ने नया रास्ता सासंदों को सुझाया है। उन्होंने कहा कि सांसदों की सैलरी का फैसला पे कमीशन या उस जैसी कोई और बॉडी करे, जो वक्त के हिसाब से इसमें बढ़ौतरी करती रहे।
पीएम ने सुझाव दिया कि सांसदों की सैलरी को प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट या कैबिनेट सेक्रेटरी जैसी पोस्ट की सैलरी में होने वाली बढ़ौतरी से लिंक कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सांसद इस पर खुद फैसला न करें, बल्कि इन टॉप पोस्ट्स पर बैठे लोगों की सैलरी बढ़ाने का जब कभी कोई पे कमीशन फैसला करे, वही कमीशन सांसदों की सैलरी पर भी गौर करे। बता दें कि ज्यादातर सांसदों का मानना है कि खर्च और महंगाई बढ़ने के कारण सैलरी बढ़ाने की जरूरत है।
पिछले दिनों राज्यसभा में सपा मेंबर नरेश अग्रवाल ने यह मुद्दा उठाया था। कुछ सांसदों का कहना है कि उनकी सैलरी कम से कम कैबिनेट सेक्रेटरी से ज्यादा हो जबकि कुछ ने मांग की कि इसे दोगुना किया जाए। गौरतलब है कि सांसदों की सैलरी और अलाउंस पर बनी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के चेयरमैन गोरखपुर से बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ हैं।
उन्होंने केंद्र को इस मुद्दे पर सुझाव दिए थे जो कि फाइनेंस डिपार्टमेंट के पास भेजे गए थे। यह कमेटी न केवल सांसदों की सैलरी, बल्कि उनके फोन बिल, ट्रेवलिंग, डेली अलाउंस, मेडिकल फैसेलिटीज जैसे खर्चों को लेकर भी चर्चा करती है। पार्लियामेंट्री कमेटी ने सांसदों की सैलरी 50 हजार से एक लाख रुपए हर महीने करने की सिफारिश की है।
कॉन्स्टिट्यून्सी अलांउस भी 45 हजार से 90 हजार करने की बात कही गई है। अगर ये सभी सिफारिशें मान ली जाती हैं तो सांसदों का कम्पनसेशन पैकेज एक लाख चालीस हजार रुपए महीने से बढ़कर दोगुना यानी 2 लाख 80 हजार रुपए हर महीने हो जाएगा। पिछली बार सांसदों की सैलरी 2010 में बढ़ाई गई थी।