Edited By ,Updated: 26 Jul, 2016 05:38 PM
चीन ने मंगलवार को कहा कि नेपाली प्रधानमंत्री केपी आेली के इस्तीफा के बाद नेपाल के साथ ‘सुख-दुख...
बीजिंग: चीन ने मंगलवार को कहा कि नेपाली प्रधानमंत्री केपी आेली के इस्तीफा के बाद नेपाल के साथ ‘सुख-दुख वाली’ उसकी मित्रता पर कोई असर नहीं पड़ेगा, हालांकि बीजिंग में एेसी चिंताए हैं कि आेली के समय नेपाल के साथ हुए सीमा संपर्क से संबंधित समझौते भारत के प्रभाव की वजह से खटाई में पड़ सकते हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने एक बयान में कहा, ‘‘चीन और नेपाल के बीच परस्पर रूप से लाभकारी सहयोग और मित्रता आेली सरकार के गिरने की वजह से नहीं बदलेगी।’’ लू ने कहा, ‘‘नेपाल के पड़ोसी और मित्र के तौर पर हम आशा करते हैं कि सभी पक्ष नेपाल के राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखेंगे और देश की स्थिरता और विकास के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।’’उन्होंने कहा, ‘‘चीन और नेपाल सुख-दुख के साझेदार हैं। चाहे अंतरराष्ट्रीय और घरेलू हालात में कुछ भी बदलाव हो, दोनों देशों के बीच मित्रता एवं परस्पर लाभकारी सहयोग में कोई बदलाव नहीं होगा।’’
उनका यह बयान उस वक्त आया है जब चीन के मीडिया ने चिंता जताई है कि काठमांडू में भारत का प्रभाव फिर बढ़ सकता है और एेसे में आेली सरकार के समय चीन एवं नेपाल के बीच सीमा संपर्क से जुड़े समझौतों का भविष्य अधर में लटक सकता है। ‘शंघाई म्यूनिसपल सेंटर फॉर इंटरनेशनल स्टडीज’ में ‘इंस्टीट्यूट फॉर सदर्न एंड सेंट्रल एशियन स्टडीज’ के निदेशक वांग डेहुआ ने सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स से कहा, ‘‘एेसी पूरी संभावना है कि आेली के इस्तीफे के पीछे भारत है क्योंकि आेली ने इस साल मार्च में चीन की यात्रा के दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे।’’