Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jul, 2017 09:29 AM
भाजपा द्वारा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को राज्यसभा में भेजने के फैसले को उनकी लंबी पारी की तैयारी की शुरुआत माना जा रहा है।
नेशनल डैस्कः भाजपा द्वारा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को राज्यसभा में भेजने के फैसले को उनकी लंबी पारी की तैयारी की शुरुआत माना जा रहा है। पार्टी द्वारा वैंकेया नायडू को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामित किए जाने के बाद राज्यसभा में वैसे भी पार्टी की पकड़ मजबूत होने जा रही है ऐसे में यदि अमित शाह राज्यसभा में भाजपा की तरफ से पार्टी के नेता बने तो पार्टी सदन के इस ऊपरी हॉउस में भी हमलावर रुख अख्तियार कर सकती है। अब तक भाजपा का पलड़ा इस हाउस में कमजोर था लेकिन अगले महीने होने जा रहे राज्यसभा की दस सीटों के चुनाव और अगले साल अप्रैल में होने वाले लगभग 68 सीटों के चुनाव के बाद पार्टी राज्यसभा में भी मजबूत स्थिति में होगी लिहाजा अमित शाह को संसदीय राजनीती की ट्रेनिंग के लिहाज से उनका नामांकन माना जा रहा है।
केंद्र में मंत्री बनाने का विकल्प खुला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही कैबिनेट में विस्तार करने वाले हैं। यह विस्तार अगस्त के अंत या सितंबर के पहले सप्ताह में हो सकता है। अमित शाह यदि 18 अगस्त से पहले सांसद बन जाते हैं तो इस विस्तार में उन्हें केंद्र में को भरी भरकम मंत्रालय से नवाजा जा सकता है। केंद्र में शहरी विकास मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय का काम फ़िलहाल अतिरिक्त प्रभार के सहारे चल रहा है। माना जा रहा है कि अमित शाह को राज्यसभा के रास्ते सरकार में ला कर कोई अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है लेकिन यदि ऐसा हुआ तो फिर पार्टी के कामकाज के लिए कोई अन्य चेहरा ढूंढना पड़ सकता है क्योंकि पार्टी एक व्यक्ति एक पद के अपने नियम को तोड़ेगी तो इस से गलत संदेश जा सकता है।
गुजरात के लिए चेहरा?
भाजपा दिसंबर में होने वाले गुजरात विधानसभा के चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही लड़ने जा रही है और पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री पद केलिए कोई चेहरा प्रॉजेक्ट नहीं किया गया है लिहाजा यह माना जा रहा है कि अमित शाह को गुजरात के लिए भी तैयार किया जा रहा है चुनाव के बाद वह गुजरात में पार्टी का चेहरा हो सकते हैं यदि पार्टी को गुजरात चुनाव के दौरान अपेक्षित नतीजे मिले तो उन्हें मुख्य मंत्री की गद्दी भी दी जा सकती है। एक अन्य आकलन के मुताबिक अमित शाह की राज्यसभा में एंट्री 2019 की तैयारी भी मानी जा रही है। अमित शाह को यदि अब संसद मेभेजा जाता है तो वह अगस्त 2022 तक राज्य सभा सांसद रहेंगे ऐसी स्थिति में 2019 के चुनाव में सफलता मिली तो मोदी के पास कैबिनेट में शामिल करने के लिए अमित शाह केतौर पर एक दमदार चेहरा रहेगा और तब तक वह संसदीय राजनीती में भी महारत हासिल कर लेंगे।