शौचालय नहीं यह इज्जत घर है : मोदी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Oct, 2017 05:01 PM

this is not a toilet  modi

उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में खुले में शौच से मुक्ति की अपनी मुहिम की सफलता पर संतोष प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शौचालय को ‘‘इज्जत घर’’ का दर्जा देने की योगी सरकार की पहल का स्वागत किया और देश के बाकी हिस्सों में भी इसी तरह के...

देहरादून: उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में खुले में शौच से मुक्ति की अपनी मुहिम की सफलता पर संतोष प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शौचालय को ‘‘इज्जत घर’’ का दर्जा देने की योगी सरकार की पहल का स्वागत किया और देश के बाकी हिस्सों में भी इसी तरह के प्रयासों पर बल दिया।

केदारनाथ में भोले बाबा के दर्शन को आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शौचालयों के निर्माण पर जोर देते हुए कहा कि यह महिलाओं के सम्मान की बात है और इस दिशा में पहल करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे ‘‘इज्जत घर’’ नाम दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के खुले में शौच से मुक्त होने पर राज्य को बधाई दी।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताया गया है कि उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं और नगरीय इलाकों को भी खुले में शौच से मुक्त बनाने पर तेजी से काम हो रहा है।’’  इस संबंध में उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की पहल का जिक्र करते हुए कहा कि योगी जी की सरकार ने नई पहल शुरू की है। उत्तर प्रदेश में टॉयलेट को शौचालय, संडास और जादरू नहीं कहते, उसे इज्ज्त घर कहते हैं। वहां कहते हैं, घर में महिलाओं की इज्जत बचाता है ‘‘इज्जत घर’’।

उन्होंने यूनिसेफ द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र की इस संस्था का कहना है कि प्रत्येक परिवार एक वर्ष में औसतन 50 हजार रुपए खर्च करता है। यदि शौचालय बन जाएं और खुले में शौच बंद हो जाए तो उससे होने वाली बीमारियों पर होने वाला 50 हजार रुपए बच जाएगा। मोदी ने कहा, ‘‘एक गरीब परिवार के लिए साल भर में 50 हजार रुपए की बचत बहुत बड़ी बात होती है। एक शौचालय जिन्दगी बदल सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जितनी श्रद्धा के साथ बाबा केदारनाथ के धाम का निर्माण करना है, उसी श्रद्धा के साथ हमें शौचालय का भी निर्माण करना है।’’  इस दिशा में उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों के बीच तंदुरूस्त स्पर्धा होने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि वह चाहतें हैं कि इस दिशा में सभी के बीच तंदुरूस्त स्पर्धा हो।

प्रधानमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक आवास को बिजली मुहैया कराने वाली सौभाग्य योजना के बारे में लोगों से सवाल किया क्या हर घर में बिजली का लट्टू नहीं होना चाहिए। हमारा लक्ष्य प्रत्येक घर में बिजली पुहंचाना है। उत्तराखंड के प्रत्येक गांव को बिजली देना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने अपने संबोधन में उज्ज्वला योजना का भी जिक्र किया।  

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