Edited By ,Updated: 17 Jan, 2017 04:06 PM
लगभग 24 घंटे तक हवाई अड्डे पर फंसे रहने और प्रतियोगिता में अधिकतर समय अपने सामान के बिना खेलने के बावजूद भारतीय महिला मुक्केबाजों ..
नई दिल्ली: लगभग 24 घंटे तक हवाई अड्डे पर फंसे रहने और प्रतियोगिता में अधिकतर समय अपने सामान के बिना खेलने के बावजूद भारतीय महिला मुक्केबाजों ने सर्बिया में नेशन कप में अपनी प्रतिद्वंद्वियों का अच्छी तरह से सामना किया तथा आधा दर्जन पदक जीतने में सफल रही। भारत की दस सदस्यीय टीम आज सुबह स्वदेश लौटी। वह कजाखस्तान और रूस के बाद प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर रही थी।
हरियाणा की लड़की नीरज (51 किग्रा) ने अपने पहले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामैंट में ही स्वर्ण पदक जीता जबकि सरजूबाला देवी (48 किग्रा), प्रियंका चौधरी (60 किग्रा), पूजा (69 किग्रा) और सीमा पूनिया ने रजत पदक हासिल किए। कविता गोयत को कांस्य पदक मिला। भारतीय टीम प्रतियोगिता शुरू से होने से पहली रात ही वर्बास पहुंची थी। उनकी यात्रा काफी थकाउ रही और यूरोप में बर्फीले तूफान से उड़ान रद्द होने के कारण इसमें लगभग 24 घंटे का समय लगा। दो दशक तक पुरूष टीम के कोच रहने के बाद अब महिला टीम की जिम्मेदारी संभाल रहे मुख्य कोच गुरबख्श संधू ने कहा कि तुर्किस एयरलाइन्स की सभी उड़ानें रद्द कर दी गई ओर हम हवाई अड्डे पर फंसे रहे जहां कई लोगों के इकट्ठा होने से अफरातफरी वाली स्थिति बन गई थी।
उन्होंने कहा कि महासंघ ने हमारे लिए जल्द से जल्द दूसरी उड़ान की व्यवस्था की लेकिन वर्बास पहुंचने के बाद हमें पता चला कि हमारा सामान नहीं पहुंचा है। अच्छी बात यह रही कि लड़कियों ने अपने फाइटिंग गियर और गमशील्ड्स साथ में रखे हुए थे लेकिन उनकी चिकित्सा संबंधी किताब सामान के साथ थी। संधू ने कहा कि आयोजकों ने बेहद सहयोगी रवैया अपनाया। सुपरवाइजर ने हमें चिकित्सा किताब के बिना ही खेलने की अनुमति दे दी क्योंकि हम मुश्किल हालात में वहां पहुंचे थे। खिलाड़ियों ने विश्राम नहीं किया और फिर इसके बाद अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके देश के लिए पदक जीते।