Edited By ,Updated: 06 Dec, 2016 09:56 AM
हीरो इंडियन सुपर लीग (आई.एस.एल.) के तीसरे सत्र में नामी-गिरामी और सफल कोच खासे असफल रहे और उनकी टीमें प्लेऑफ...
नई दिल्ली: हीरो इंडियन सुपर लीग (आई.एस.एल.) के तीसरे सत्र में नामी-गिरामी और सफल कोच खासे असफल रहे और उनकी टीमें प्लेऑफ में जगह नहीं बना सकीं जबकि नए विचारों और नई ऊर्जा के साथ सामने आए कोचों ने अपने टीमों को अनापेक्षित सफलता दिलाई।
एफसी गोवा और चेन्नईयन एफसी को 8 टीमों की तालिका में इस साल अंतिम स्थान मिला जबकि उनके कोच बीते सत्र में काफी सफल रहे थे। एफसी पुणे एक बार फिर असफल रहा। ऐसा तब हुआ, जब उसने आईएसएल के सबसे सफल कोचों में से एक को अपने साथ जोड़ा। जीको (एफसी गोवा), मार्को मतेराजी (चेन्नई) और एंटोनियो हबास (पुणे) की नाकामी साबित करती है कि आईएसएल कितना विविध हो चुका है और इसमें हर साल नई कहानियां जुड़ती जा रही हैं। जीको, मतेराजी और हबास बीते तीन सीजन से आईएसएल के साथ हैं और नए सीजन की शुरुआत के समय इनके नामों के साथ सफल कोचों का‘टैग’लगा था।
इन तीनों की 2016 की नाकाम यात्रा के अलग-अलग कारण हो सकते हैं लेकिन जिन क्लबों ने इन्हें अपने साथ बनाए रखा या फिर नए सिरे से इन्हें अपने साथ जोड़ा इनसे काफी अधिक उम्मीद लेकर चल रहे थे। फुटबाल के जानकार पॉल मासेफील्ड का मानना है कि शीर्ष कोचों की नाकामी के एक नहीं बल्कि कई कारण रहे हैं। इनमें से एक बड़ा कारण यह है कि दूसरी टीमों ने इस दौरान खुद को काफी मजबूत किया।