Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jul, 2017 02:30 PM
उत्तराखंड के एक छोटे से गांव में रहकर क्रिकेट का ककहरा सीखने वाली एकता बिष्ट आईसी
नई दिल्ली: उत्तराखंड के एक छोटे से गांव में रहकर क्रिकेट का ककहरा सीखने वाली एकता बिष्ट आईसीसी महिला विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच विजेता प्रदर्शन से एकदम से सुुर्खियों में छा गई लेकिन बाएं हाथ की इस स्पिनर के मन में अब भी एक टीस है कि वह फाइनल में नहीं खेल पाई जहां भारतीय टीम को मेजबान इंग्लैंड से नौ रन से हार का सामना करना पड़ा था। एकता ने कहा कि हां फाइनल में नहीं खेल पाने का मुझे दुख है। फाइनल सबसे बड़ा मैच होता है और प्रत्येक उसमें खेलना चाहता है।
मैं भी चाहती थी कि मैं फाइनल में खेलूं लेकिन टीम संयोजन इस तरह से था कि मुझे बाहर बैठना पड़ा। मैं टीम प्रबंधन के फैसले का पूरा सम्मान करती हूं। पाकिस्तान के खिलाफ लीग मैच में दस आेवर में 18 रन देकर पांच विकेट लिए और उन्हें मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने दो विकेट लिए इसके लिए उन्होंने 68 रन लुटाए। आस्ट्रेलिया के खिलाफ लीग मैच में भी वह प्रभाव नहीं छोड़ पाई जिसके बाद उनके स्थान पर राजेश्वरी गायकवाड़ को अंतिम एकादश में रखा गया।
पिछले छह साल से भारतीय टीम की नियमित सदस्या रही एकता ने स्वीकार किया कि सीनियर खिलाडिय़ों पर अच्छा प्रदर्शन का दबाव था। उन्होंने कहा कि सीनियर होने के नाते आपकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। हम पर इसका दबाव था लेकिन अच्छी बात यह रही कि सभी एक दूसरे का हौसला बढ़ा रही थी। मैं इससे पहले भी इंग्लैंड में खेली हूं और वहां की परिस्थितियों से अवगत थी। इसका मुझे जरूर फायदा मिला। कप्तान मिताली राज की तरह एकता बिष्ट भी टेस्ट मैचों के आयोजन की हिमायती हैं लेकिन वर्तमान में बीसीसीआई के रवैये से खुश हैं।