बिहार में अब होगा एथनाल का उत्पादन

Edited By ,Updated: 23 Jun, 2016 05:24 PM

bihar will now produce athenal

बिहार के गोपालगंज स्थित सोना सती ऑर्गेनिक्स ने प्रदूषण की समस्या के समाधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य...

नई दिल्ली: बिहार के गोपालगंज स्थित सोना सती ऑर्गेनिक्स ने प्रदूषण की समस्या के समाधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शोधित स्प्रिट की जगह प्रति माह 12 लाख लीटर उच्च स्तरीय एथनाल का उत्पादन करने का निर्णय लिया है। कंपनी के निदेशक रामाशंकर प्रसाद ने आज यहां बताया कि इस कारखाने में शीरा से प्रति माह 12 लाख लीटर एथनाल तैयार किया जाएगा और उसे इंडियन ऑयल कारपोरेशन को बेचा जाएगा। कंपनी की योजना राज्य के सभी चीनी मिलों में उत्पादित शीरा का उपयोग एथनाल बनाने में करने की है। इस कारखाने में एथनाल बनाने के लिए प्रति माह दो लाख किं्वटल शीरा की आवश्यकता होगी।
 
प्रसाद ने बताया कि बिहार में 12 चीनी मिलें चालू स्थिति में है जिनमें से तीन में डिस्टलरी की सुविधा है। देश में अधिकांश एथनाल का उत्पादन शीरा से किया जाता है। चीनी मिलों में चीनी उत्पादन के दौरान इसके अपशिष्ट से शीरा तैयार होता है जिससे एथनाल बनाने पर न केवल इसमें वैल्यू एडिशन हो सकेगा बल्कि चीनी मिलों को अच्छा मूल्य भी मिल सकेगा। इसके साथ ही गन्ना उत्पादक किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि पेट्रोलियम आधारित ईंधन के जलाने से प्रदूषण की समस्या होती है जबकि पेट्रोल में बायो ईंधन एथनाल मिलाए जाने से कम धुआं निकलता है और कार्बन का उत्र्सजन भी कम होता है। 
 
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनाल मिलाने की अनुमति दी है। एथनाल मिलाने से प्रदूषण तो कम होता ही है इससे कच्चे तेल के आयात में भी कमी होगी जिससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी। केन्द्र एथनाल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह का प्रोत्साहन और करों में छूट दे रहा है। 

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