Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Sep, 2017 10:47 AM
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि जैसे देश का विकास बिहार के विकास के बिना संभव नहीं है, वैसे ही मिथिला के विकास के बिना बिहार का विकास संभव नहीं है।
मधुबनी: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि जैसे देश का विकास बिहार के विकास के बिना संभव नहीं है, वैसे ही मिथिला के विकास के बिना बिहार का विकास संभव नहीं है। मुख्यमंत्री ने मधुबनी जिला के सरिसबपाही स्थित अयाची डीह में प्रसिद्ध अयाची मिश्र तथा प्रसव सेविका चमाईन की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक जनसभा में यह बात कही।
नीतीश ने कहा कि बिहार की धरती ज्ञान की धरती है, यहीं गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था और वे भगवान बुद्ध बने। यहीं भगवान महावीर का जन्म हुआ, ज्ञान प्राप्त हुआ तथा निर्वाण प्राप्त हुआ। इसी भूमि पर चाणक्य ने चन्द्रगुप्त का समर्थन कर उन्हें सम्राट बनाया तथा अर्थशास्त्र की रचना की। आज भी इस महाग्रंथ का काफी महत्व है। इसी धरती पर आर्यभट्ट ने शून्य का आविष्कार किया था। इनके अलावा यह धरती पर अनेक महानुभावों के जन्म एवं कर्मस्थली रही है।
उन्होंने अपनी सरकार द्वारा की गई पहल के कारण प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में आए बदलाव का जिक्र करते हुए कहा कि उनका संकल्प है कि फिर से शिक्षा के क्षेत्र में और भी आगे बढ़ेंगे और शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देंगे।नीतीश ने कहा कि 14वीं शताब्दी में अयाची मिश्र का ज्ञान के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान रहा है, वह अतुलनीय है। वह किसी से कुछ भी याचना नहीं करते थे और नि:शुल्क शिक्षा दान देते थे। बदले में वे 10 लोगो को पढ़ाने का वचन लेते थे, जिससे उस समय शिक्षा के प्रसार में बल मिला।
उन्होंने कहा कि अगर आज भी इसका अनुकरण किया जाय तो समाज में जबर्दस्त परिवर्तन आयेगा। नीतीश ने आयोजक मंडल को आश्वस्त किया कि वह संबंधित विभाग और संबंधित मंत्री से बात कर अयाची डीह के विकास के लिए पहल करेंगे।