Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Apr, 2018 11:19 AM
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का कहना है कि एनडीए सरकार ने एसटी-एससी एक्ट संशोधन विधेयक -2015 को संसद से पारित करवाकर इस कानून को मजबूत बनाया। इसके साथ ही दलित-वंचित वर्ग के लोगों का जीवन बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की। सुशील मोदी ने कहा...
पटनाः बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का कहना है कि एनडीए सरकार ने एसटी-एससी एक्ट संशोधन विधेयक -2015 को संसद से पारित करवाकर इस कानून को मजबूत बनाया। इसके साथ ही दलित-वंचित वर्ग के लोगों का जीवन बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की। सुशील मोदी ने कहा कि सोनिया गांधी की दावत उड़ाने वाले 20 दलों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आड़ में दलितों को गुमराह कर बिहार सहित 12 राज्यों को ऐसे उत्पात के हवाले कर दिया जिसमें 14 लोगों की जान गई। करोड़ों की राष्ट्रीय संपदा और बेगुनाहों की जान गंवाकर देश ने विपक्षी एकता की पहली किश्त चुकाई।
उपमुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बंद-विरोध के दौरान जरूरी सेवाओं को निर्बाध रखने की जिम्मेदारी ली जाती है, लेकिन भारत बंद करवाने वालों में शामिल राजद के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के लाठीधारी कार्यकर्त्ताओं ने अस्पताल-एम्बुलेंस तक को नहीं बख्शा। हाजीपुर में अल्पसंख्यक समुदाय की महिला के एकलौते नवजात शिशु की मौत से इस बंद का सबसे क्रूर चेहरा सामने आया। राज्य में तीन लोगों की मौत बंद के कारण हुई। उन्होंने राजद अध्यक्ष लालू पर तंज कसते हुए कहा कि इन मौतों पर माफी मांगने की बजाए लालू ने अपनी ट्विटर जुबान बंद कर ली।
मोदी का कहना है कि एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश पारित किया उससे केंद्र सरकार का कोई संबंध नहीं, बल्कि सरकार ने उस आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए याचिका दायर की। भारत बंद में हिंसा करवाने के लिए यह सुनियोजित अफवाह फैलाई गई कि सुप्रीम कोर्ट एनडीए सरकार के इशारे पर काम कर रहा है क्या यह झूठ नहीं है।