Edited By prachi,Updated: 14 Jul, 2018 05:31 PM
स्वच्छता और शौचालय क्रांति की शुरुआत करने वाले सुलभ इंटरनेशनल ने नई पहल करते हुए बिहार में मैथिली संस्कृति के केंद्र दरभंगा में शनिवार को दुनिया की सबसे सस्ती स्वच्छ जल परियोजना का शुभारंभ किया। सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक पद्मश्री डॉ. बिंदेश्वर पाठक...
दरभंगाः स्वच्छता और शौचालय क्रांति की शुरुआत करने वाले सुलभ इंटरनेशनल ने नई पहल करते हुए बिहार में मैथिली संस्कृति के केंद्र दरभंगा में शनिवार को दुनिया की सबसे सस्ती स्वच्छ जल परियोजना का शुभारंभ किया।
सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक पद्मश्री डॉ. बिंदेश्वर पाठक ने परियोजना का शिलान्यास करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जिस बिहार की माटी ने उन्हें जन्म दिया, उस माटी के प्रति उनका जो कर्ज है, उसे पूरा करने का वह हरसंभव प्रयास करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत तालाब के पानी को फ्रांसीसी तकनीक से साफ करके सस्ती दर पर स्थानीय लोगों को मुहैया करवाया जाएगा। दरभंगा के लोगों को इस परियोजना से इस वर्ष दिसम्बर से पानी की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि समाज ने उसी को याद रखा है जो समाज की सेवा करता है।
डॉ. पाठक ने परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि सुलभ की इस परियोजना के तहत पश्चिम बंगाल के दक्षिण चौबीस परगना जिले के मधुसूदन कांटी समेत मिदनापुर और नदिया जिले के छह स्थानों पर जल को स्वच्छ कर स्थानीय लोगों को सिर्फ पचास पैसे प्रति लीटर की दर से उपलब्ध करवाया जा रहा है।
सुलभ के संस्थापक ने कहा कि आज देश की सबसे बड़ी समस्या स्वच्छ जल की कमी है। इसकी वजह से लोगों को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। मिथिला की धरती पानी से लबालब है लेकिन औद्योगीकरण, बढ़ती जनसंख्या और खेती में बढ़ते कीटनाशकों और खाद के इस्तेमाल से आज जल स्रोत प्रदूषित हो गए हैं। ऐसे माहौल में सुलभ की यह परियोजना दरभंगा के लोगों के लिए सौगात साबित होगी।