भाजपा का संकल्प पत्र अन्य घोषणा पत्रों से अलग

Edited By ,Updated: 18 Apr, 2024 06:10 AM

bjp s resolution letter is different from other manifestos

भाजपा और अन्य पार्टियों के बीच गुणात्मकता की कसौटी पर कितना बड़ा अंतर आ गया है यह हर कदम पर दिखाई देता है। सभी पार्टियों के घोषणा पत्र देखें तो साफ हो जाएगा कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा नेतृत्व से प्रतिस्पर्धा करने में ज्यादातर पार्टियां इतना पीछे...

भाजपा और अन्य पार्टियों के बीच गुणात्मकता की कसौटी पर कितना बड़ा अंतर आ गया है यह हर कदम पर दिखाई देता है। सभी पार्टियों के घोषणा पत्र देखें तो साफ हो जाएगा कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा नेतृत्व से प्रतिस्पर्धा करने में ज्यादातर पार्टियां इतना पीछे खड़ी हैं कि उनका वहां तक पहुंचाना इस समय दुष्कर लगता है। ‘आप’ भाजपा के समर्थक हों या विरोधी निष्पक्षता से विचार करने पर निष्कर्ष यही आएगा कि सिद्धांत,  व्यवहार , संकल्प, व्यावहारिकता और आत्मविश्वास की दृष्टि से अन्य पार्टियों के घोषणा पत्रों से तुलना नहीं हो सकती। 

कांग्रेस का घोषणा पत्र ज्यादातर फ्रीबीज या-वायदों, नरेंद्र मोदी सरकार का विरोध एवं अलग-अलग तरीके से अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों को खुश करने के लिए सतही घोषणाओं से भरा है। भाजपा के संकल्प पत्र में एक राष्ट्र के रूप में भारत को लेकर व्यापक विजन, सपने व लक्ष्य तथा उसे प्राप्त करने के लिए मनुष्य जीवन के एक-एक पहलू पर व्यावहारिक तरीके से ऐसी कार्य योजनाएं दी गई हैं जिनसे आम आदमी को भी लगेगा कि यह सब संभव है। यह भाजपा के हर संकल्प और घोषणा में दिखता है कि भारत को अन्य देशों की तरह महाशक्ति या विकसित देश नहीं, बल्कि इसकी विरासत यानी सभ्यता, संस्कृति, अध्यात्म, संपूर्ण मानवता और वैश्विक कल्याण के भाव के चरित्र वाले देश के रूप में खड़ा होना है। 

घोषणा पत्र के सभी ङ्क्षबदुओं में विस्तार से जाना न संभव है और न आवश्यक ही। यह मूल विचार भाजपा को भारत के सभी अन्य दलों एवं नेताओं से अलग वैशिष्ट्य प्रदान करता है। ऐसा नहीं है कि भाजपा के प्रति किसी में असंतोष या क्षोभ नहीं है, पर उन्हें भी लगता है कि उनके पास तत्काल इस पार्टी के अलावा कोई विकल्प नहीं है। भाजपा की आलोचना में विपक्षी दल इतने आगे निकल जाते हैं कि उनके पास इस तरह की घोषणाओं का नैतिक आधार नहीं बचता। जो पार्टी रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का बहिष्कार करती है वह कैसे घोषणा करेगी कि दुनिया भर में श्रीराम के विचारों को फैलाने के लिए रामायण उत्सव मनाया जाएगा। इसमें भगवान राम की मूर्ति व विरासत को बढ़ावा देने वाले दुनिया के सभी देशों को सहयोग देने का वायदा किया गया है। 

इसके साथ अयोध्या के और समग्र विकास, भारतीय पांडुलिपियों और पुरालेखों का डिजिटलकरण आदि का वायदा किसी पार्टी के घोषणा पत्र में नहीं है। दक्षिण और उत्तर के बीच विभाजन पैदा करने वालों ने तमिल भाषा और तमिल अस्मिता की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ाने की घोषणा नहीं की। भाजपा ने इसे प्रमुख स्थान दिया है। तमिल संत तिरुवल्लुवर के विचारों के संपूर्ण विश्व में प्रचार के लिए तिरुवल्लुवर कल्चरल सैंटर का संकल्प व्यक्त करना बताता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी की सोच भारतीय एकता, अखंडता की दृष्टि से व्यापक है। भारतीय सभ्यता -संस्कृति से जुड़े विरासत स्थलों के विकास की बात बारे प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा और संकल्प पत्र में भी है। यह सामान्य समझ की बात है और जैसा प्रधानमंत्री ने कहा, टूरिज्म यानी पर्यटन ऐसा क्षेत्र है जहां कम लागत में सर्वाधिक रोजगार मिलता है। सच यही है कि इससे विकास गति को तीव्रता भी मिलती है। 

भारत के अंदर और बाहर हमारी विरासत ही पर्यटकों या तीर्थयात्रियों के आकर्षण के शीर्ष केंद्र बन रहे हैं। वाराणसी से लेकर केदारनाथ, बद्रीनाथ, उज्जैन महाकाल, तिरुपति, मीनाक्षीपुरम, रामेश्वरम आदि धार्मिक स्थानों पर तीर्थयात्रियों या पर्यटकों की अभूतपूर्व संख्या इसका प्रमाण है। विपक्षी पार्टियां भाजपा की आलोचना करें किंतु यह भी सीखें कि कितनी गहनता और सूक्ष्मता से उसका शीर्ष नेतृत्व अपने समक्ष उपलब्ध सारे साधनों का उपयोग करते हुए समाज के मनोविज्ञान, समस्याओं तथा उन्हें सुलझाने के तरीकों आदि को समझता है। ज्यादातर पार्टियां अब घोषणा पत्र के पहले सुझाव लेती हैं किंतु भाजपा की परिधि व्यापक है। घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने बताया कि उन्हें 15 लाख सुझाव प्राप्त हुए जिनमें चार लाख नमो ऐप और 10 लाख वीडियो के माध्यम से भेजे गए। 

सबका अध्ययन करने के बाद विचार किया गया कि इनकी वास्तविक स्थिति क्या है, इनको कैसे लागू किया जा सकता है, केंद्र के विषय हैं या राज्य के, लागू करने में समस्याएं क्या आएंगी, वित्तीय स्थिति क्या होगी आदि-आदि? इन सबके बाद  सुझावों को 24 संकल्पना में समाहित किया गया। गरीब, किसान महिला और युवा के साथ समाज को 10 अलग-अलग वर्ग के रूप में रेखांकित करते हुए शासन की दृष्टि से संकल्प को 24 सैक्टर में विभाजित किया है। इनमें सुरक्षित भारत , समृद्ध भारत,  विश्व के वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में भारत को विकसित करने, सभी क्षेत्रों का संतुलित विकास, विरासत विकास आदि शामिल हैं। इतने गहन विचार-विमर्श के कारण ही जहां कांग्रेस या अन्य पार्टी की गारंटियां और न्याय में से अनेक और अव्यावहारिक एवं केवल लोगों को लुभाने के वायदे दिखते हैं वहीं भाजपा की घोषणाएं व्यावहारिक। उदाहरण के लिए मुद्रा योजना के अनुभवों के बाद अब इसमें कर्ज की सीमा को 10 लाख से 20 लाख किया गया तो आयुष्मान योजना को जारी रखते हुए 70 वर्ष के सभी उम्र के लोगों को इसमें समाहित करने की बात है। जहां अन्य पार्टियों ने बिजली मुफ्त देने की बात कही है वहीं भाजपा के घोषणा पत्र में पूर्व के अनुरूप ही लोगों को बिजली उत्पादक और विक्रेता बनने और इसके आधार पर उनके बिजली खर्च घटाने की बात है। 

समाज के वंचित, पिछड़ा ,दलितों, आदिवासियों, किसानों, महिलाओं, युवाओं आदि के लिए भाजपा के संकल्प पत्र में सहयोग और कल्याण योजनाओं का लक्ष्य उनको विकसित और सशक्त बनाना है। उदाहरण के लिए आदिवासियों के लिए एकलव्य विद्यालयों की संख्या बढ़ाना तथा और परिष्कृत करना, गरीबों के लिए 4 करोड़ पक्के घर की योजनाओं का विस्तार कर 3 करोड़ और नए घर जोडऩे, सस्ता गैस सिलैंडर जारी रखना, शहरी और ग्रामीण इलाकों में घर-घर पाइप के जरिए गैस पहुंचाने की योजना पर काम शुरू करने की बातों में किसी को अव्यावहारिकता नहीं लगेगी। रेहड़ी ,पटरी, ठेले वालों को 50 हजार तक कर्ज देने वाली स्वनिधि योजना का विस्तार छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों तक करने तथा ऋण की सीमा बढ़ाने, किसान सम्मान निधि ज्यादा जारी रखने एवं ग्रामीण इलाकों में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां लगाने आदि छोटे शहरों और गांव के विकास की अस्थाई आधारभूमि बनाने की कोशिश ही तो है। प्रधानमंत्री ने कहा भी कि आधारभूत संरचना का विकास कर हम नए रोजगार पैदा करेंगे लेकिन रोजगार की गुणवत्ता भी बढ़ाएंगे। 

क्वांटिटी ऑफ अपॉर्चुनिटी के साथ क्वालिटी ऑफ अपॉर्चुनिटी भी। इसमें नए शिक्षण संस्थानों के निर्माण, 5 प्रतिशत के विस्तार और 6 जी की तैयारी के साथ ही सॢवस सैंटर और टैलीमैडिसिन का विस्तार से साफ पता चलता है कि प्रधानमंत्री आधुनिक तकनीक, आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस और संचार के संपूर्ण उपयोग की जिन योजनाओं पर काम कर रहे हैं उन्हें आगे और सुदृढ़ किया जाएगा। भाजपा के विचारधारा से जुड़े लंबे समय से घोषणा पत्र में शामिल 3 मुद्दों में से अनुच्छेद 370 एवं राममंदिर का निर्माण पूरा हो गया किंतु राष्ट्र स्तर पर समान नागरिक संहिता शेष है। संकल्प पत्र में इसका उल्लेख तथा प्रधानमंत्री द्वारा भाषण में चर्चा बताता है कि तीसरे कार्यकाल में यह घोषणा भी मूर्त रूप ले लेगा। उत्तराखंड में इसे लागू किए जाने के बाद इसकी स्वाभाविक अपेक्षा थी। स्वाभाविक ही विपक्ष यह नहीं कह सकेगा कि आपके वायदों का क्या हुआ? संभव है कुछ विचारधारा से जुड़े अन्य मुद्दे को आगे सत्ता कायम रहने पर लागू किया जाए। 

एक देश एक चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के विचार में शामिल रहा है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति ने इसका विस्तृत सुझाव दिया है। संकल्प पत्र में इसे शामिल करते हुए एक राष्ट्र, एक मतदाता सूची की ओर बढऩे की बात का अर्थ है कि अब यह विचार तक समाहित नहीं रहेगा। संकल्प पत्र के अनुसार उनसे जुड़े मुद्दों के परीक्षण के लिए एक उच्चस्तरीय समिति और गठित होगी तथा उसकी सिफारिश के सफल कार्यान्वयन की दिशा में काम किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब  कहते हैं कि इस समय हमारा काम अगले हजार वर्ष के भारत की दिशा तय करेगा तो विरोधी इस पर हंसते हैं। 

संकल्प पत्र में भारत को लंबे समय तक वैचारिक-सांस्कृतिक-सामाजिक-आर्थिक -शैक्षणिक आदि सभी पहलुओं पर सुदृढ़ आधार पर खड़ा करने की योजना और प्रतिबद्धता दिखती है। कोई राष्ट्र न एक दिन में पैदा होता है और नष्ट होता है। अगर ठीक आधार भूमि बना दी जाए, लोगों का विकास इस तरह हो कि वह आत्मनिर्भर बनें, उनके अंदर अपनी सभ्यता, संस्कृति, धर्म व देश की सही समझ के साथ गर्व के भाव, आपसी सहकार और राष्ट्र के प्रति समर्पण हो तथा विश्व स्तर पर उसकी छवि सबके कल्याण के लिए काम करने वाले देश के साथ किसी तरह के खतरों को सहन न करने की हो तो फिर लंबे समय तक ऐसा देश संकट में नहीं पड़ता। भाजपा के संकल्प पत्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्यों की यही अंतध्र्वनि है।-अवधेश कुमार    
     

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!