प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी का दूसरा कार्यकाल

Edited By ,Updated: 27 May, 2019 01:58 AM

modi s second term as prime minister

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने नरेन्द्र मोदी को अपना नेता चुना है। इसके बाद राजग नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नरेन्द्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री नामित किया है और उन्हें सरकार बनाने का न्यौता दिया है। इस घोषणा के...

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने नरेन्द्र मोदी को अपना नेता चुना है। इसके बाद राजग नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नरेन्द्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री नामित किया है और उन्हें सरकार बनाने का न्यौता दिया है। इस घोषणा के बाद नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार एक नए भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है, विशेष तौर पर जब हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। 

राष्ट्रपति ने मोदी को मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने वाले सदस्यों की सूची देने को कहा है। रविवार को पी.एम. मोदी ने गुजरात पहुंचकर अपनी मां का आशीर्वाद लिया। 27 मई को वह अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी का दौरा कर सकते हैं जहां से वह 4,79505 मतों के अंतर से चुनाव जीते हैं। शपथ ग्रहण समारोह 30 मई को हो सकता है। मोदी का शपथ ग्रहण समारोह काफी भव्य होगा। इसमें  राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिग्गजों के अलावा सिनेमा से जुड़े लोग भी भाग लेेंगे। 

इस्तीफे की पेशकश
लोकसभा चुनावों के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक 25 मई को हुई जिसमें कांग्रेस कार्य समिति ने देश के लोगों के जनादेश को स्वीकार किया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने की पेशकश की जिसे सभी सी.डब्ल्यू.सी. सदस्यों ने खारिज कर दिया। कांग्रेस कार्य समिति ने पार्टी अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि वह  पार्टी को पुन: संगठित करने के लिए  कार्य करें। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी को आश्वस्त किया है कि सभी कांग्रेस जन नई सरकार के गठन के बाद जनता से जुड़े मामलों को एकजुट होकर उठाएंगे और आने वाली चुनौतियों जैसे कि बढ़ते तेल के मूल्य, बैंकिंग सैक्टर के अनियंत्रित होते एन.पी.ए. जो 12 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, को नियंत्रित करने तथा  आंध्र प्रदेश, तेलगांना, महाराष्ट्र और कर्नाटक में सूखे की स्थिति जैसे मसलों को उठाएंगे। 

मोदी का नया मंत्रिमंडल
ऐसी संभावना है कि इस बार मोदी की कैबिनेट से कुछ जाने-पहचाने चेहरे गायब हो जाएंगे तथा ऐसी उम्मीद है कि मोदी की कैबिनेट में नई टीम 10 से 15 साल जवान होगी। भाजपा कार्यालय में नरेन्द्र मोदी के स्वागत के समय केवल 3 वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री डैश पर देखे गए। ये मंत्री थे राजनाथ सिंह, जे.पी. नड्डा और थावर चंद गहलोत। अरुण जेतली बहुत बीमार हैं और अपने इलाज के लिए अमरीका या इंगलैंड जा सकते हैं। इस बात का भी अनुमान है कि पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जा सकती है। भाजपा सूत्रों के अनुसार मोदी की कैबिनेट में पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व अधिक होगा। 

लोकसभा चुनाव में माता-पिता और बच्चे 
इन लोकसभा चुनावों में कई माता-पिता और उनके बच्चों ने किस्मत आजमाई जिनमें से केवल मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी ही सफल हो पाए। मेनका गांधी ने अपनी पीलीभीत की सीट वरुण के लिए छोड़ दी थी और खुद सुल्तानपुर से चुनाव लड़ा जोकि एक कठिन सीट थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अजीत सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी ने चुनाव लड़ा और दोनों हार गए। अजीत सिंह ने अपनी बागपत सीट अपने बेटे जयंत चौधरी के लिए छोड़ दी थी और खुद मुजफ्फरनगर से चुनाव लड़ा जोकि उनके लिए सुरक्षित सीट मानी जा रही थी जिसमें काफी संख्या मुसलमानों की भी थी। हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंद्र हुड्डा ने सोनीपत से चुनाव लड़ा और उनके बेटे दीपेन्द्र हुड्डा ने रोहतक लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। दोनों चुनाव हार गए। दीपेन्द्र कम अंतर से चुनाव हारे और रोहतक उनका गढ़ माना जाता था। 

तमिलनाडु में फेल हुए दिनाकरन, कमल हासन
इन लोकसभा चुनावों में तमिलनाडु में दिनाकरन और कमल हासन की पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाई। डी.एम.के. ने 38 में से 23 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की और ए.आई.डी.एम.के. जिसका भाजपा के साथ गठबंधन था कोई भी सीट नहीं जीत पाई। कमल हासन द्वारा गठित पार्टी मक्कल निधि मय्यम के अलावा अम्मा मक्कल मुनेत्र कडग़म के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की सहयोगी वी.के. शशिकला के भतीजे दिनाकरन  के चुनाव लडऩे से संभवत: डी.एम.के. गठबंधन को लाभ मिला। एम.एम.एम. का गठन एक साल पहले कमल हासन द्वारा किया गया और इसे दो द्रविड़ पाॢटयों के विकल्प के तौर पर प्रस्तुत किया गया है। 

घाटी में नैशनल कांफ्रैंस की जीत
लोकसभा चुनावों में नैशनल कांफ्रैंस ने श्रीनगर की सीट जीत कर अपने गढ़ में वापसी की है। इसके अलावा पार्टी ने मध्य, उत्तरी और दक्षिणी कश्मीर में भी उपस्थिति दर्ज करवाई है जिससे इस वर्ष के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनावों में उसकी संभावना बढ़ेगी। नैशनल कांफ्रैंस ने श्रीनगर, अनंतनाग और बारामूला लोकसभा सीटें जीत ली हैं। श्रीनगर में सभी 15 विधानसभा क्षेत्रों में तथा बारामूला में 15 में से 8 क्षेत्रों में और अनंतनाग लोकसभा क्षेत्र के 16 विधानसभा हलकों में से 7 में उसे अच्छे वोट मिले हैं। 2014 के विधानसभा चुनावों में जम्मू-कश्मीर में नैशनल कांफ्रैंस ने 15 सीटें जीती थीं।-राहिल नोरा चोपड़ा
 

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