श्री कटासराज धाम के विकास से जुड़ी ‘बाधाएं’ दूर हों

Edited By ,Updated: 21 Feb, 2020 06:28 AM

remove  obstacles  associated with the development of shri katasraj dham

श्री अमरनाथ श्राईन बोर्ड ने बीते दशक में जब श्री अमरनाथ गुफा यात्रा के दौरान विकट परिस्थितियों में लंगर का मुफ्त आयोजन करने वाली समितियों को 25-25 हजार रुपए की राशि जमा कराने का फरमान जारी किया तो हमने तत्कालीन यू.पी.ए. अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी...

श्री अमरनाथ श्राईन बोर्ड ने बीते दशक में जब श्री अमरनाथ गुफा यात्रा के दौरान विकट परिस्थितियों में लंगर का मुफ्त आयोजन करने वाली समितियों को 25-25 हजार रुपए की राशि जमा कराने का फरमान जारी किया तो हमने तत्कालीन यू.पी.ए. अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के समक्ष यह समस्या प्रस्तुत करने से पूर्व क्रिकेटर व छोटे पर्दे पर ध्रुव तारे की तरह चमकने के बाद सांसद बने नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात करने का फैसला लिया। उद्देश्य यह था कि उनके माध्यम से लोकसभा में यह मुद्दा उठाया जाए। हालांकि श्री अमरनाथ लंगर सेवा समिति के अध्यक्ष कुछ दिन पूर्व सिद्धू से मुलाकात के लिए आग्रह कर चुके थे लेकिन जब सुबह सवेरे पटियाला स्थित उनके निवास पर पहुंचे तो एक सेवक ने कहा कि मुलाकात का समय तो तय नहीं हुआ था। फिर भी वह मेरा परिचय पत्र लेकर जब सिद्धू जी के पास गया तो उन्होंने केवल मुझे ही अंदर आने की सहमति प्रदान कर दी। 

भारी-भरकम कुत्तों के बगल से गुजरते हुए लोहे की सीढ़ी पार करके फस्र्ट फ्लोर पर पहुंचा तो कुत्र्ता-पायजामा पहने सिद्धू स्नेहपूर्वक मिलकर कहने लगे- अरे मैं तो खुद शिव भक्त हूं, ऊपर की मंजिल पर चलो, पूजा स्थल दिखाता हूं। इस बीच श्रीमती सिद्धू से कहा कि आप तीन कप चाय तैयार करो। हमें 15 मिनट ऊपर लगेंगे। चाय के दौर पर जब सिद्धू को समितियों की समस्याएं बताईं तो उन्होंने वादा किया कि संसद के बाहर भी यह मुद्दा पूरी भक्ति से उठाएंगे। उस घटनाक्रम के हवाले से अब सिद्धू की सेवाएं श्री कटासराज धाम से जुड़े प्रश्रों का समाधान करने में कारगर साबित हो सकती हैं। 

पश्चिम पंजाब (पाकिस्तान) के जिला चकवाल की तहसील चौआ सैदन शाह में स्थित पावन धाम के अमर कुंड का मामला पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय में प्रमुखता से उठाया जा चुका है। भोले शंकर के प्रसंग में आंसुओं से उदय हुए अमर कुंड का महत्व विदेशी इतिहासकार भी स्वीकार कर चुके हैं। भारतीय नेताओं लालकृष्ण अडवानी, बलराम जाखड़, सुषमा स्वराज व नीतीश कुमार आदि की प्रेरणा से पाकिस्तान सरकार ने वक्फ बोर्ड के माध्यम से कटासराज के विकास पर 5 करोड़ रुपए खर्च करने का प्लान बनाया। महाशिवरात्रि व शरद पूर्णिमा के अवसर पर कटासराज यात्रा पर जाने वाले भारतीय नागरिकों को पहले सर सईद डिग्री कालेज में ठहराया जाता था, पिछले कुछ वर्षों से पाक-जर्मन सहयोग से संचालित इंजीनियरिंग कालेज के विद्यार्थियों को एक सप्ताह के लिए अवकाश पर भेजकर यात्री वहां ठहराए जाते हैं। 

सबसे अहम मुद्दा है पाकिस्तान-चीन आर्थिक गलियारा योजना के अंतर्गत कटासराज क्षेत्र में सीमैंट कारखाने स्थापित करने के बाद अमर कुंड में जल स्तर की कमी। गुलाब के फूलों व लुकाट पैदावार के लिए अग्रणी रहे इस क्षेत्र में काला अर्थात सेंधा नमक की खानों का भी विशाल भंडार है। अमर कुंड में पानी सूखने के मामले में संज्ञान पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने स्वयं लिया था, इसके परिणामस्वरूप वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष भी बदल दिया गया। एक अक्तूबर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय ने इस प्रकरण की सुनवाई के दौरान पर्यावरण संरक्षण एजैंसी (ई.पी.ए.) को निर्देश दिया कि सीमैंट फैक्टरियों को अतीत में जारी किए गए आदेशों की पालना पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। 

न्यायमूर्ति उमर अता बंडियाल, इजाज उलहसन व मुनीष अरबता की पीठ ने डेरा गाजी खान सीमैंट फैक्टरी मालिकों से कहा कि वायु कूलिंग प्लांट की वास्तविक कीमत के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। हिंद कौंसिल (पाकिस्तान) के अध्यक्ष व सांसद डा.रमेश कुमार ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि बैस्ट वे सीमैंट कम्पनी ने कूलिंग प्लांट स्थापित करदिया था लेकिन डेरा गाजी खान फैक्टरी ने ऐसा नहीं किया। चकवाल के सहायक उपायुक्त ने इस बात की पुष्टि की। अदालत ने कहा कि इस फैक्टरी को मई 2018 में कहा गया था कि वैकल्पिक स्रोतों से पानी का प्रबंध 6 माह में करे। 10 करोड़ रुपए जुर्माना अदा करने के लिए बैंक गारंटी के नवीनीकरण के लिए भी फैक्टरी मालिकों से कहा गया। तब फैक्टरी के अधिवक्ता ने दावा किया कि भूमिगत पानी (जो अमर कुंड को प्रभावित करता था) की एक बूंद भी इस्तेमाल नहीं की जा रही। 

श्री गुरु नानक देव के अंतिम प्रवास स्थल करतारपुर साहिब तक डेरा बाबा नानक से एक वीजा रहित गलियारा उपलब्ध करवाने के संदर्भ में हुए समारोहों में पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने स्वीकार किया था कि नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा यह मामला उठाए जाने से पूर्व इस स्थान के महत्व की जानकारी नहीं थी। सम्भव है भारत के शीर्षस्थ नेताओं द्वारा श्री कटासराज धाम की यात्रा के बावजूद खान साहब को इसके इतिहास का ज्ञान भी न हो। पाकिस्तान सरकार कई बार कह चुकी है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कटासराज क्षेत्र का बहुमुखी विकास आवश्यक है। 

भले ही करतारपुर साहब गलियारे का श्रेय दिए जाने पर अनेक भारतीय राजनीतिज्ञों ने नवजोत सिंह सिद्धू को निशाना बनाकर अपनी असफलताओं को ढांपने का अनर्गल एवं असफल प्रयत्न किया लेकिन आवाज-ए-खल्क, आवाज-ए-खुदा की कहावत अटल है। अब यदि सिद्धू मित्रवर इमरान खान के साथ श्री कटासराज धाम के विकास से जुड़ी बाधाएं दूर करने का प्रयास करें तो निश्चित रूप से लाखों शिव भक्तों की दुआओं के सुपात्र बनेंगे और द्विपक्षीय संबंधों में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ जाएगा।-राज सदोश
 

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