‘अंग्रेज नस्लवादी थे, अब भी हैं’

Edited By ,Updated: 13 Mar, 2021 03:44 AM

the british were racist still are

नैटफ्लिक्स सीरियल का नाम ‘रिबैलियन’ है जिसको मैं देख रहा हूं। इसकी कहानी उन घटनाओं पर आधारित है जब प्रथम विश्व युद्ध के बाद आयरिश सैनिकों का इस्तेमाल जर्मनियों के खिलाफ लडऩे के लिए किया गया। उन्होंने खुद से पूछा, ‘‘यह किसका युद्ध है। हमारा या...

नैटफ्लिक्स सीरियल का नाम ‘रिबैलियन’ है जिसको मैं देख रहा हूं। इसकी कहानी उन घटनाओं पर आधारित है जब प्रथम विश्व युद्ध के बाद आयरिश सैनिकों का इस्तेमाल जर्मनियों के खिलाफ लडऩे के लिए किया गया। उन्होंने खुद से पूछा, ‘‘यह किसका युद्ध है। हमारा या अंग्रेजों का?’’ और फिर एक और बड़ा सवाल किया गया कि,‘‘आखिर हम किसकी आजादी के लिए लड़ रहे हैं? हमारी या उन लोगों की जिन्होंने हमारी आजादी हमसे छीन ली है।’’ 

ठीक है, मुझे लगता है कि एक सवाल हमारे सैनिकों ने भी पूछा होगा जब वे दोनों विश्व युद्धों को लड़ रहे थे। यह युद्ध वे अपने ब्रिटिश आकाओं के नेतृत्व में लड़ रहे थे। ऐसा ही युद्ध हमने अपनी स्वतंत्रता के लिए भी लड़ा। आयरिश लोगों की तरह हमारे नेताओं को भी जेल हुई और कई घायल हुए। जैसा कि मैंने फिल्म को देखा और उसके बाद मैंने मेघन तथा प्रिंस हैरी के साथ किया गया ओपराह विन्फ्रे का इंटरव्यू देखा। मैंने महसूस किया कि अंग्रेज कितने नस्लवादी थे और वे अब भी हैं। हम भारतीयों के लिए स्वतंत्रता आंदोलन कितना महत्वपूर्ण था। अंग्रेज अपने आपको प्रथम श्रेणी नागरिक के रूप में मानते हैं। मुझसे एक भिखारी की तरह बर्ताव किया गया और मुझे एक अद्र्धनग्र फकीर कह कर बुलाया गया। मेरे करीब एक आवाज हंसती हुई दिखाई दी। 

मेरी हार्वर्ड शिक्षा और यहां तक कि लंदन कैबी ने सोचा कि वे मुझसे बेहतर हैं। एक परिचित जैकेट पर मैं लाल गुलाब की कल्पना कर सकता था। आप सभी ने इस स्वतंत्रता की लड़ाई को जीता है। मैं कानाफूसी करता हूं और अतीत की आवाजें पहचानता हूं। हार्वर्ड के शिक्षित ने आवाज लगाई कि वह पल क्या था जब मैंने उस अगस्त की रात में बात की थी और कहा था मध्यरात्रि में जब विश्व सो जाता है भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जाग जाएगा। 

एक अन्य आवाज ने कहा कि मैं पंडित नेहरू के भाषण को याद करता हूं जिसमें कहा गया कि ‘मेरा भारत स्वतंत्र है’ और तब उस शख्स की आवाज गरमा गई जो 20 साल तक हमारे प्रधानमंत्री रहे। हमने यह रिपोर्ट देखी है। मैंने पूछ लिया कि रिपोर्ट क्या है? उसने कहा, ‘‘यह फ्रीडम हाऊस है। भारत केवल आंशिक रूप से स्वतंत्र है-आंशिक रूप से मुक्त। यह एक कमजोर आवाज होनी चाहिए थी लेकिन अचानक ही उसके स्वर में गुस्सा था। जब उसने कहा ‘आंशिक रूप से मुक्त’।’’ 

आपका मतलब है हम लगभग हवा में मारे गए थे। हमारे देश को आंशिक रूप से स्वतंत्र बनाने के लिए ऊपरी होंठ को धुंधला कर दिया गया। ऐसा होने की हिम्मत कैसे की गई। क्या यह एक कमजोर आवाज होनी चाहिए थी? मगर क्रोध को इतना मजबूत बना दिया गया जब इसे चर्चिल के क्रोध का सामना करना पड़ा। आपने स्वतंत्रता को कैसे खिसकने दिया? 

मैं अपने नैटफ्लिक्स धारावाहिक की ओर उदास रूप से लौट आया और आयरिश क्रोध को एक कठिन संघर्ष वाले स्वतंत्रता आंदोलन के बाद देख रहा हूं। एक आंशिक रूप से प्रांतीय सरकार के लिए उन्हें मूर्ख बनाया गया। धारावाहिक की सुंदर नायिका के चेहरे पर अविश्वास देखा गया क्योंकि वह चिल्लाई, हमारे साथ धोखा किया गया। हां, हमारे साथ धोखा हुआ। मेरे निकट खड़े दो लोगों की भी ऐसी ही आवाजें आईं। जिनमें से एक हार्वर्ड उच्चारण और दूसरा कमजोर व्यक्ति था। मैंने एक जोर की आवाज सुनी, एक हत्यारे की गोली उसके सीने को छेदती हुई निकल गई।-दूर की कौड़ी राबर्ट क्लीमैंट्स
 

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