Edited By ,Updated: 28 Jun, 2015 03:21 PM
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कुल रिण में प्रतिशत में सबसे अधिक गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया की हैं।
नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कुल रिण में प्रतिशत में सबसे अधिक गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया की हैं। इनमें पुनगर्ठित परिसंपत्तियां भी शामिल हैं।
रिजर्व बैंक द्वारा वित्त मंत्रालय को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार यूनाइटेड बैंक के कुल रिण में से 21.5 प्रतिशत या तो एनपीए या पुनगर्ठित ऋण की श्रेणी में हैं। सेंट्रल बैंक आफ इंडिया का एनपीए या पुनगर्ठित कर्ज कुल ऋण का 21.30 प्रतिशत है। इसी तरह इंडियन आेवरसीज बैंक का एनपीए 19.40 प्रतिशत, पंजाब एंड सिंध बैंक का 18.74 प्रतिशत और पंजाब नेशनल बैंक का 17.94 प्रतिशत है। ये आंकड़े 15 मार्च तक के हैं।
स्टेट बैंक आफ पटियाला, इलाहाबाद बैंक, आेरियंटल बैंक आफ कामर्स, यूको बैंक और देना बैंक सभी का डूबत ऋण का प्रतिशत कुल ऋण में 15 फीसद से अधिक है। बैंकों की बढ़ती गैर निष्पादित आस्तियां रिजर्व बैंक और सरकार के लिए बड़ी चिंता का विषय हैं और इसके निपटने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
ज्यादातर पुनगर्ठित कर्ज कारपोरेट क्षेत्र का है। शीर्ष 30 डिफाल्टरों पर बकाया ऋण 93,769 करोड़ रुपए है। यह मार्च, 2015 तक सरकारी बैंकों की सकल गैर निष्पादित आस्तियों 2,55,180 करोड़ रुपए का एक-तिहाई से अधिक बैठता है।