Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Apr, 2024 04:10 PM
भारत का आयुर्वेद उत्पादों का बाजार वित्त वर्ष 2027-28 तक 16.27 अरब डॉलर यानी 1.2 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। एक अध्ययन रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है। आयुर्वेद प्रौद्योगिकी स्टार्टअप ‘निरोगस्ट्रीट' ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि घरेलू...
नई दिल्लीः भारत का आयुर्वेद उत्पादों का बाजार वित्त वर्ष 2027-28 तक 16.27 अरब डॉलर यानी 1.2 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। एक अध्ययन रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है। आयुर्वेद प्रौद्योगिकी स्टार्टअप ‘निरोगस्ट्रीट' ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्राकृतिक एवं हर्बल उपचार की बढ़ती मांग, आयुर्वेदिक चिकित्सकों की संख्या बढ़ने, सरकारी पहल और नए उद्यमियों के आने से आयुर्वेद उत्पाद बाजार तेजी से बढ़ रहा है। फिलहाल इसका बाजार सात अरब डॉलर यानी 57,450 करोड़ रुपए है।
निरोगस्ट्रीट ने एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि भारत में आयुर्वेद उत्पाद बाजार वित्त वर्ष 2027-28 तक 1,20,660 करोड़ रुपए (16.27 अरब डॉलर) तक पहुंच जाने की उम्मीद है। सर्वेक्षण के मुताबिक, आयुर्वेदिक उत्पादों एवं सेवाओं का समग्र बाजार वित्त वर्ष 2022-23 से वित्त वर्ष 2027-28 तक 15 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि से बढ़ने का अनुमान है। इसमें उत्पाद क्षेत्र की वृद्धि दर 16 प्रतिशत जबकि सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 12.4 प्रतिशत रहने की संभावना है। सर्वेक्षण कहता है कि वित्त वर्ष 2021-22 में देश के आयुर्वेदिक विनिर्माण का मूल्य 89,750 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है जिसमें से करीब 40,900 करोड़ रुपए का निर्यात किया गया।