Edited By Supreet Kaur,Updated: 30 May, 2018 10:50 AM
देश के सभी सरकारी बैंकों के अलावा कुछ निजी व विदेशी बैंकों के तकरीबन 10 लाख कर्मचारी आज से दो दिनों की हड़ताल पर जा रहे हैं। हड़ताल से देश की बैंकिंग व्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ने की आशंका है। हड़ताल का आह्वान भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की वेतन में...
नई दिल्लीः देश के सभी सरकारी बैंकों के अलावा कुछ निजी व विदेशी बैंकों के तकरीबन 10 लाख कर्मचारी आज से दो दिनों की हड़ताल पर जा रहे हैं। हड़ताल से देश की बैंकिंग व्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ने की आशंका है। हड़ताल का आह्वान भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की वेतन में केवल दो प्रतिशत की वृद्धि के विरोध में किया गया है।
वेतन में होगी देरी
इस हड़ताल से बैंक ग्राहकों पर भी असर होगा। चूंकि हड़ताल महीने के अंतिम दो दिनों (30 व 31 मई) को हो रही है, इन दो दिनों में तमाम सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों का वेतन उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है। हड़ताल के चलते इसमें देरी हो सकती है।
कर्मचारियों ने दिन रात किया काम
वेतन वृद्धि को लेकर पांच मई 2018 को हुई बैठक में आईबीए ने दो प्रतिशत वृद्धि की पेशकश की। बैठक में यह भी कहा गया कि अधिकारियों की मांग पर बातचीत केवल स्केल तीन तक के अधिकारियों तक सीमित होगी। यूनाइटेड फोरम और बैंक यूनियन्स के संयोजक देवीदास तुलजापुरकर ने कहा, ‘‘यह एनपीए के एवज में किए गए प्रावधान के कारण है जिससे बैंकों को नुकसान हुआ और इसके लिए कोई बैंक कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन साल में बैंक कर्मचारियों ने जन- धन, नोटबंदी मुद्रा तथा अटल पेंशन योजना समेत सरकार की प्रमुख योजनाओं को लागू करने के लिए दिन-रात काम किया।
पिछली बार हुआ था वेतन में इजाफा
बैंक कर्मचारियों के पिछली वेतन समीक्षा में 15 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। यह वेतन समीक्षा एक नवंबर 2012 से 31 अक्तूबर 2017 के लिए था। यूएफबीयू नौ श्रमिक संगठनों का निकाय है। इसमें आल इंडिया बैंक आफिसर्स कान्फेडरेशन (एआईबीओसी), आल इंडिया बैंक एम्प्लायज एसोसिएशन (एआईबीईए) तथा नेशनल आर्गनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) शामिल हैं।