भारती एयरटेल ने बुधवार को कहा है कि वह कंपनी का नाम ‘प्रवेश निषेध सूची'' (डीईएल) से बाहर निकालने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के साथ काम कर रही है। हालांकि, इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि डीजीएफटी की मौजूदा कार्रवाई उसके भविष्य में निर्यात या आयात करने की क्षमता को सीमित नहीं करती है।
नई दिल्लीः भारती एयरटेल ने बुधवार को कहा है कि वह कंपनी का नाम ‘प्रवेश निषेध सूची' (डीईएल) से बाहर निकालने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के साथ काम कर रही है। हालांकि, इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि डीजीएफटी की मौजूदा कार्रवाई उसके भविष्य में निर्यात या आयात करने की क्षमता को सीमित नहीं करती है।
वाणिज्य मंत्रालय ने दूरसंचार कंपनी को निर्यात संवर्द्धन योजना के तहत निर्यात प्रतिबद्धता पूरी नहीं करने पर डीईएल में डाल दिया है। इसके मद्देनजर भारती एयरटेल का यह बयान आया है।
वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले डीजीएफटी ने कंपनी को उसे जारी कुछ पूंजीगत उत्पादों के निर्यात संवर्द्धन (ईपीसीजी) के तहत निर्यात प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करने पर प्रवेश निषेध सूची में डाला है। इस सूची को काली सूची के तौर भी जाना जाता है।
एयरटेल ने बुधवार को शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि कंपनी डीजीएफटी कार्यालय के साथ इस मामले को तेजी से निपटाने और कंपनी का नाम डीईएल से बाहर निकलवाने के लिए काम कर रही है। एयरटेल ने कहा कि इस कार्रवाई से उसकी भविष्य में आयात या निर्यात करने की क्षमता प्रभावित नहीं होगी। भारती एयरटेल ने कहा कि उसने अप्रैल, 2018 से इस तरह के लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं किया है क्योंकि उसे परिचालन के लिए इसकी जरूरत नहीं है। कंपनी ने कहा कि उसने पूर्व के लाइसेंसों की सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा किया है और अधिकारियों के पास इन लाइसेंसों को समाप्त करने के लिए जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन किया है।
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