Byju’s की और बढ़ी मुश्किलें, NCLT ने बकाया का भुगतान न करने को लेकर 3 नोटिस किए जारी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 May, 2024 04:37 PM

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नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) ने 22 मई को Byju’s की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड को 3 नोटिस जारी किए। ये नोटिस ऑपरेशनल क्रेडिटर्स को बकाया भुगतान न करने को लेकर 3 मामलों में जारी किए गए। गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा एडटेक...

बिजनेस डेस्कः नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) ने 22 मई को Byju’s की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड को 3 नोटिस जारी किए। ये नोटिस ऑपरेशनल क्रेडिटर्स को बकाया भुगतान न करने को लेकर 3 मामलों में जारी किए गए। गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा एडटेक स्टार्टअप Byju’s, NCLT में कम से कम 7 वेंडर्स के साथ बकाया के भुगतान को लेकर मुकदमेबाजी झेल रहा है। पब्लिशिंग कंपनी मैकग्रा हिल, बीपीओ सर्विस प्रोवाइडर कॉजेंट ई-सर्विसेज और ऑटोमेशन कंट्रोल प्रोडक्ट्स की आपूर्तिकर्ता एजी ऑटोमेशन की ओर से दायर तीनों मामलों में सुनवाई 3 जुलाई को होनी है।

NCLT पीठ ने Byju’s को जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। साथ ही याचिकाकर्ता को प्रत्युत्तर यानि रिजॉइंडर दाखिल करने के लिए एक और सप्ताह का समय दिया। याचिकाओं में दावा किया गया है कि Byju’s पर मैकग्रा हिल का 1.43 करोड़ रुपए और कॉजेंट का लगभग 6 करोड़ रुपए बकाया है। एक दिन पहले खबर आई थी कि Byju’s के कर्मचारियों के एक समूह ने एक वकील नियुक्त किया है और Byju’s से अपना बकाया मांगने के लिए NCLT का दरवाजा खटखटाने की योजना बनाई है।

मोहनदास पई और रजनीश कुमार छोड़ रहे एडवायजरी काउंसिल

Byju’s भारी उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है और इसके निवेशक बोर्ड के सदस्यों ने भी फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन के साथ मतभेदों का हवाला देते हुए कंपनी छोड़ दी है। कंपनी के हाल ही में नियुक्त सीईओ अर्जुन मोहन और सीएफओ अजय गोयल ने भी पद छोड़ दिया है। इसके अलावा Byju’s की एडवायजरी काउंसिल में शामिल मोहनदास पई और रजनीश कुमार ने इस साल जून में अपना एक साल का कॉन्ट्रैक्ट पूरा हो जाने पर उसे रिन्यू नहीं करने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि वे Byju’s की एडवायजरी काउंसिल छोड़ देंगे।

7 दिवाला याचिकाएं

Byju’s के निवेशकों ने भी उत्पीड़न करने और कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए NCLT में एक याचिका दाखिल की हुई है। Byju’s के खिलाफ NCLT में दाखिल दिवालिया याचिकाओं की कुल संख्या 7 हो चुकी है। इसके अलावा कंपनी के 20 करोड़ डॉलर (करीब 1,650 करोड़ रुपए) के राइट्स इश्यू का पैसा भी फंसा हुआ है। निवेशकों प्रोसस, जनरल अटलांटिक, सोफिना और पीक एक्सवी के एक समूह ने अन्य शेयरधारकों के समर्थन के साथ कंपनी मैनेजमेंट और राइट्स इश्यू के खिलाफ NCLT का दरवाजा खटखटाया था।

राइट्स इश्यू फुली सब्सक्राइब हुआ था। NCLT ने 27 फरवरी के आदेश में Byju’s को, कंपनी के 4 निवेशकों की ओर से दायर उत्पीड़न और कुप्रबंधन याचिका के सेटलमेंट तक राइट्स इश्यू से प्राप्त पैसे को एस्क्रो खाते में रखने का निर्देश दिया। राइट्स इश्यू के मसले पर अगली सुनवाई 6 जून को होगी।
 

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