कोरोना के चलते 15.5 लाख करोड़ रुपए के कॉरपोरेट लोन पर संकट, RBI ने 26 सेक्टरों को दी राहत

Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Sep, 2020 02:44 PM

crisis threatens corporate debt of rs 15 5 lakh crore

कोरोना के चलते 15.52 लाख करोड़ रुपए के कॉरपोरेट लोन पर संकट पैदा हो गया है। यह रकम बैंकिंग सेक्टर की ओर से जारी किए गए कुल लोन के 29.4 फीसदी के बराबर है। मार्च के आखिरी सप्ताह में कोरोना संकट से निपटने के लिए

नई दिल्लीः कोरोना के चलते 15.52 लाख करोड़ रुपए के कॉरपोरेट लोन पर संकट पैदा हो गया है। यह रकम बैंकिंग सेक्टर की ओर से जारी किए गए कुल लोन के 29.4 फीसदी के बराबर है। मार्च के आखिरी सप्ताह में कोरोना संकट से निपटने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के बाद यह स्थिति पैदा हुई है। लोन रिस्ट्रक्चरिंग का प्लान तैयार करने वाली केवी कामथ कमेटी का कहना है कि देश में 23.71 लाख करोड़ रुपए यानी 45 फीसदी लोन पहले ही फंसा हुआ था। अब नए आंकड़े को भी जोड़ लिया जाए तो बैंकों की ओर से जारी कुल लोन का 72 फीसदी हिस्सा यानी 37.72 लाख करोड़ रुपए की रकम फंसी हुई है। इस रकम की अदायगी में कर्जधारकों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

कामथ पैनल ने कहा है कि रिटेल ट्रेड, होलसेल ट्रेड, रोड, टेक्सटाइल जैसे सेक्टर्स में काम करने वाली कंपनियों की स्थिति खराब है। इसके अलावा स्टील, एनबीएफसी, पावर, रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन जैसे सेक्टर कोरोना से पहले ही संकट के दौर से गुजर रहे थे। कोरोना में रिटेल और होलसेल ट्रेड से जुड़ी कंपनियों के 5.42 लाख करोड़ रुपए के लोन पर असर पड़ा है। कामथ कमिटी की रिपोर्ट के बाद आरबीआई ने ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन, पावर, एमएफसीजी, होटल, रेस्टोरेंट जैसे 26 औद्योगिक सेक्टरों के बकाए कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग का रास्ता साफ किया है।

रिटेल और होलसेल ट्रेड के अलावा रोड सेक्टर के 1.94 लाख करोड़ रुपए और रोड सेक्टर के 1.89 लाख करोड़ रुपए के लोन पर असर पड़ा है। इसके अलावा इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम, पोर्ट्स, सीमेंट्स, केमिकल्स और होटल ऐंड रेस्टोरेंट सेक्टर पर भी असर पड़ने वाला है। रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना से पहले ही एनबीएफसी को जारी 7.98 लाख करोड़ रुपए के लोन फंसे हुए थे। इसके अलावा पावर सेक्टर के 5.69 लाख करोड़ और स्टील के 2.66 लाख करोड़ रुपए के कर्ज पर संकट की स्थिति थी।

कामथ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना संकट ने कंपनियों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना का असर सभी सेक्टर्स पर पड़ा है लेकिन इसमें कुछ पर मामूली, कुछ पर अधिक और कुछ पर बेहद ज्यादा है। ऐसे में मौजूदा हालात को देखते हुए इन कंपनियों के लोन की रिस्ट्रक्चरिंग किया जाना जरूरी है।

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