Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Aug, 2025 03:49 PM

वित्त वर्ष 2025-26 में देश के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में कमी दर्ज हुई है। सरकार द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 3.95% घटकर 6.64 लाख करोड़ रुपए पर आ गया है। टैक्स रिफंड में बढ़ोतरी को इस गिरावट की मुख्य वजह...
बिजनेस डेस्कः वित्त वर्ष 2025-26 में देश के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में कमी दर्ज हुई है। सरकार द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 3.95% घटकर 6.64 लाख करोड़ रुपए पर आ गया है। टैक्स रिफंड में बढ़ोतरी को इस गिरावट की मुख्य वजह बताया गया है। डायरेक्ट टैक्स में कंपनियों, व्यक्तियों, पेशेवरों और विभिन्न संस्थाओं की आय पर लगाया जाने वाला टैक्स शामिल होता है।
नेट कंपनी कर संग्रह लगभग 2.29 लाख करोड़ रुपए रहा, जबकि गैर-कंपनी कर (जिसमें व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार और कंपनी शामिल हैं) संग्रह 4.12 लाख करोड़ रुपए रहा। आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल से 11 अगस्त के बीच प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) संग्रह 22,362 करोड़ रुपए रहा। शुद्ध रूप से संग्रह 3.95 प्रतिशत घटकर लगभग 6.64 लाख करोड़ रुपए रहा। यह पिछले वित्त वर्ष (2024-25) की इसी अवधि में 6.91 लाख करोड़ रुपए था। चालू वित्त वर्ष में अब तक जारी किया गया रिफंड 10 प्रतिशत बढ़कर 1.35 लाख करोड़ रुपए रहा।
एक अप्रैल से 11 अगस्त के बीच सकल संग्रह (रिफंड से पहले) 1.87 प्रतिशत घटकर 7.99 लाख करोड़ रुपए रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि में 8.14 लाख करोड़ रुपए था। सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2025-26) में प्रत्यक्ष कर संग्रह 25.20 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया है, जो सालाना आधार पर 12.7 प्रतिशत अधिक है। सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 में एसटीटी से 78,000 करोड़ रुपए एकत्र करना है।