अनुमान से ज्यादा रहेगा प्रत्यक्ष कर संग्रह

Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Mar, 2023 11:26 AM

direct tax collection will be more than expected

प्रत्यक्ष कर संग्रह सरकार के संशोधित अनुमान से अधिक रह सकता है, जिससे केंद्र को राजकोषीय घाटे को कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है। सरकारी सूत्रों के अनुसार कॉरपोरेट कर प्राप्तियों में इजाफा और लंबित कर मांग की वसूली में सुधार से सरकार को भरोसा है...

नई दिल्लीः प्रत्यक्ष कर संग्रह सरकार के संशोधित अनुमान से अधिक रह सकता है, जिससे केंद्र को राजकोषीय घाटे को कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है। सरकारी सूत्रों के अनुसार कॉरपोरेट कर प्राप्तियों में इजाफा और लंबित कर मांग की वसूली में सुधार से सरकार को भरोसा है कि चालू वित्त वर्ष में वास्तविक कर संग्रह 16.5 लाख करोड़ रुपए के संशोधित अनुमान से अधिक रहेगा।

वित्त वर्ष 2023 के लिए प्रत्यक्ष कर (व्यक्तिगत और कॉरपोरेट कर) प्राप्तियों को पहले के 14.08 लाख करोड़ रुपए के अनुमान से 17 फीसदी बढ़ाकर 16.50 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया था। फरवरी तक शुद्ध प्रत्यक्ष संग्रह (रिफंड जारी करने के बाद) 13 लाख करोड़ रुपए रहा, जो चालू वित्त वर्ष के संशोधित कर संग्रह अनुमान का करीब 80 फीसदी था। आंतरिक आकलन के जानकार एक अधिकारी ने कहा कि पहले 10 महीनों में कॉरपोरेट और व्यक्तिगत कर संग्रह में वृद्धि को देखते हुए संशोधित अनुमान से ज्यादा कर प्राप्ति की संभावना है। हालांकि इस बारे में 15 मार्च को अग्रिम कर की चौथी किस्त जमा होने के बाद तस्वीर साफ होगी।

उक्त अधिकारी ने कहा, ‘बाह्य चुनौतियों के बावजूद कॉरपोरेट कर संग्रह पिछले साल की समान अवधि से 15 फीसदी ज्यादा रही है। अग्रिम कर की अंतिम किस्त के जमा होने पर कर संग्रह में और इजाफा होगा क्योंकि इस दौरान तमाम कंपनियां अपना पूरा बकाया कर चुकाती हैं।’ इसके अलावा बकाया कर मांग की वसूली के लिए किए गए प्रयास से भी राजस्व संग्रह बढ़ाने में मदद मिलेगी।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में 1 अप्रैल 2022 से 10 फरवरी 2023 तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 24.09 फीसदी बढ़कर 15.67 लाख करोड़ रुपए रहा। इस दौरान कॉरपोरेट कर प्राप्तियों में 19.33 फीसदी और व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 29.63 फीसदी का इजाफा हुआ है। रिफंड जारी करने के बाद कॉरपोरेट कर में शुद्ध वृद्धि 15.84 फीसदी और व्यक्तिगत कर में 21.93 फीसदी का इजाफा हुआ है।

दूसरी ओर जनवरी के अंत में केंद्र का राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य का 67.8 फीसदी पर पहुंच गया था। वित्त वर्ष 2023 में कर संग्रह का संशोधित लक्ष्य 10.4 फीसदी बढ़ाकर 33.6 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है।

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