निर्यातकों के GST 'रिफंड' के मुद्दे का समाधान करेगा ई-वॉलेट: प्रभु

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Mar, 2018 06:25 PM

e wallet will address gst refund issue of exporters prabhu

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि ई-वॉलेट प्रणाली पेश किए जाने से उन निर्यातकों की समस्या दूर होगी जो जी.एस.टी. व्यवस्था के तहत कर वापसी में देरी की शिकायत करते रहे हैं।

नई दिल्लीः वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि ई-वॉलेट प्रणाली पेश किए जाने से उन निर्यातकों की समस्या दूर होगी जो जी.एस.टी. व्यवस्था के तहत कर वापसी में देरी की शिकायत करते रहे हैं। ई-वालेट प्रणाली के तहत निर्यातकों के पिछले रिकार्ड को देखते हुए एक अनुमानित राशि उनके खाते में भेजी जाएगी और इस राशि का उपयोग कच्चे माल पर कर के भुगतान में किया जा सकता है।   

प्रभु ने कहा कि वाणिज्य एवं वित्त मंत्रालयों के सचिव इस पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "ई-वॉलेट प्रणाली एकमात्र जरिया है जिससे इसका समाधान समुचित तरीके से किया जा सकता है। इस बारे में वित्त मंत्रालय को निर्णय करना है। ई-वॉलेट वास्तव में इस मुद्दे का हल करेगा क्योंकि तब आपको (निर्यातकों) भुगतान करने या रिफंड की जरूरत नहीं होगी।"

निर्यातकों के मुताबिक करों की वापसी में देरी से उनकी कार्यशील पूंजी फंस रही है और उनका निर्यात प्रभावित हो रहा है। निर्यातकों का पैसा वापस करने में देरी अब 8 महीने से अधिक हो गई है। दूसरी तरफ राजस्व विभाग ने यह दलील दी है कि निर्यातकों ने सीमा शुल्क विभाग और जी.एस.टी. नेटवर्क के पास जो फार्म जमा कराए हैं, उसमें विसंगतियां हैं।       

निर्यातकों के अनुसार नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के अंतर्गत शुल्क दावों की वापसी में देरी के कारण करीब 20,000 करोड़ रुपए फंसा हुआ है। जी.एस.टी. से पहले निर्यातकों को शुरू से ही शुल्क देने से छूट प्राप्त थी लेकिन उन्हें पहले कर देना होगा और उसके बाद 'रिफंड' की मांग करनी होगी।      

 

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