लोकसभा में पेश हुआ आर्थिक सर्वे, भारत की GDP 7- 7.5% रहने की उम्मीद

Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jan, 2018 02:19 PM

economic survey presented in the lok sabha india s gdp expected 7 5

1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट से पहले आज वित्त मंत्री अरुण जेटली आज इकोनॉमिक सर्वे, 2018 पेश करेंगे। इकोनॉमिक सर्वे में सरकार इकोनॉमी से जुड़े अहम मुद्दों पर अपना विजन पेश करेगी। एक्‍सपर्ट्स का मानना है कि इकोनॉमिक सर्वे में जीएसटी, एक्‍सपोर्ट,...

नई दिल्ली:  बजट सत्र के पहले दिन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट लोकसभा में पेश की। मोदी सरकार के लिए ये रिपोर्ट कई मायनों में खास थी क्योंकि नोटबंदी के फैसले के 15 महीने और जीएसटी लागू होने के 7 महीने के बाद ये समीक्षा पेश हुई इसके अलावा अगले साल 2019 में लोकसभा चुनाव हैं। ऐसे में सरकार के लिए ये सर्वेक्षण महत्वपूर्ण था कि उसके फैसलों ने आम लोगों के जीवन पर कितना असर डाला है। आइए जानते हैं इस सर्वेक्षण से आर्थिक प्रगति से जुड़े किन बातों को संसद के ज़रिए जनता के सामने रखा जाता है। 

2018-19 में जीडीपी रहेगी 7 से 7.5 %
समीक्षा में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7 से 7.5 प्रतिशत रहेगी। प्रमुख सुधारों की वजह से अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी और अगले वित्त वर्ष में यह और मजबूत होगी।  पिछले साल के दौरान बड़े सुधारों की वजह से चालू वित्त वर्ष 2017-18 में आर्थिक वृद्धि दर 6.75 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी और अगले वित्त वर्ष में यह 7-7.5 प्रतिशत रहेगी जिससे भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का दर्जा फिर हासिल कर लेगा। 

तेजी से बढ़ रही भारत की अर्थव्यवस्था
वित्त वर्ष 2018-19 में भारत फिर से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल कर लेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में आज पेश आर्थिक समीक्षा 2017-18 में यह अनुमान लगाया गया है। 

GST से टैक्स चुकाने वालों की संख्या 50 फीसदी की बढ़ी
जीएसटी से टैक्स चुकाने वालों की संख्या में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। महाराष्ट्र, यूपी, तमिलनाडु और गुजरात में सबसे ज्यादा जीएसटी रजिस्ट्रेशन हुए हैं। 

कच्चे तेल की कीमतें बन सकती चिंता का विषय
समीक्षा के अनुसार आने वाले समय में कच्चे तेल की कीमतें चिंता का विषय बन सकती है। अनुमान लगाया गया है कि कच्चे तेल की कीमतें 12 फीसदी तक बढ़ सकती हैं, जिसकी वजह से महंगाई में इजाफा हो सकता है। इकोनॉमिक सर्वे में निजी निवेश में सुधार के संकेत हैं। निर्यात में सुधार के हालात नजर आ सकते हैं।

कृषि विकास 2.1 फीसदी रहने का अनुमान है 
इकोनॉमिक सर्वे में सरकार ने माना कि वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक प्रबंधन थोड़ा मुश्किल होगा। मौजूदा वित्त वर्ष में कृषि विकास 2.1 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा 3.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। रेडीमेड कपड़ों के निर्यात में वृद्धि का अनुमान है।

महंगाई 6 साल के न्‍यूनतम स्‍तर पर
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, महंगाई काबू में बनी हुई है। चालू वित्‍त वर्ष के दौरान कंज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स (सीपीआई) 3.3 फीसदी रही है, जो पिछले 6 साल में सबसे न्‍यूनतम स्‍तर है।

जीएसटी साबित हुआ गेम चेंजर
 इकोनॉमिक सर्वे 2017-18 के अनुसार जीएसटी पिछले साल लागू होना वाल जीएसटी गेम चेंजर साबित हुई है । लागू होने के बाद बड़े कारोबारियों से गुड्स खरीदने वाले छोटे एंटरप्राइजेस ने वॉल्युंटरी रजिस्ट्रेशन कराया है, ताकि वह इन्पुट टैक्स क्रेडिट का फायदा उठा सकें। सर्वे में भी यह भी कहा गया है कि नए टैक्स सिस्टम से जिन राज्यों का टैक्स कलेक्शन घटेगा, उसका भी इलाज निकाला गया है। जीएसटी बेस का डिस्ट्रीब्यूशन राज्यों में उनकी इकोनॉमी के साइज के आधार पर होगा।

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