दोस्त रूस ने बंद कर दी डिस्काउंट की टंकी! क्रूड ऑयल इंपोर्ट पर खर्च 19% बढ़ा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 May, 2024 04:51 PM

friend russia has closed the discount tank expenditure on crude oil

वित्त वर्ष 2024 में आयात में मामूली कमी के बाद मौजूदा वित्त वर्ष के पहले महीने में क्रूड ऑयल इंपोर्ट में 7% की बढ़त दर्ज की गई। सालभर पहले अप्रैल में 2 करोड़ टन के मुकाबले इस बार 2.14 करोड़ टन क्रूड इंपोर्ट किया गया। इसके लिए खर्च सालभर पहले के...

नई दिल्लीः वित्त वर्ष 2024 में आयात में मामूली कमी के बाद मौजूदा वित्त वर्ष के पहले महीने में क्रूड ऑयल इंपोर्ट में 7% की बढ़त दर्ज की गई। सालभर पहले अप्रैल में 2 करोड़ टन के मुकाबले इस बार 2.14 करोड़ टन क्रूड इंपोर्ट किया गया। इसके लिए खर्च सालभर पहले के मुकाबले 19% बढ़ गया। पेट्रोलियम एंड नैचुरल गैस मिनिस्ट्री के तहत आने वाले पेट्रोलियम प्लैनिंग एंड एनालिसिस सेल के आंकड़ों के मुताबिक, इंपोर्ट पर 13 बिलियन डॉलर यानी एक लाख 8 हजार 580 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े। अप्रैल 2023 में ऑयल बिल 10.9 बिलियन डॉलर था।

क्यों बढ़ रहा ऑयल बिल?

ऑयल बिल बढ़ने में रूसी तेल पर डिस्काउंट घटने का बड़ा हाथ रहा। अप्रैल में ब्रेंट क्रूड का ऐवरेज ग्लोबल प्राइस 90.2 डॉलर प्रति बैरल रहा, जो सालभर पहले 85.5 डॉलर प्रति बैरल था। भारतीय आयात के लिए क्रूड का औसत भाव भी बढ़कर 89.5 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जो मार्च में 84.5 डॉलर और सालभर पहले के अप्रैल में 83.8 डॉलर प्रति बैरल था। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद क्रूड प्राइस उछलने का भारत पर भी असर पड़ा था लेकिन रूस के सस्ते भाव पर भारत को तेल देने से राहत मिली थी। हालांकि इंडस्ट्री सोर्सेज के मुताबिक, ग्लोबल प्राइस के मुकाबले रूसी तेल पर डिस्काउंट अब 4 डॉलर के करीब आ गया है, जो पहले 10 डॉलर प्रति बैरल तक था।

बढ़ रही है आयात पर निर्भरता

अप्रैल में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की खपत 1.99 करोड़ टन रही, जो सालभर पहले के इसी महीने के मुकाबले 6.1% अधिक है। अप्रैल 2023 में 1.87 करोड़ टन की खपत हुई थी। वहीं, देश में क्रूड ऑयल और कंडेंसेट का उत्पादन जस का तस रहा। अप्रैल में 24 लाख टन का प्रोडक्शन हुआ। सालभर पहले भी इतना ही प्रोडक्शन था। अप्रैल में क्रूड ऑयल के इंपोर्ट पर निर्भरता 88.4% रही। यह सालभर पहले के 88.6% से कम रही, लेकिन जिस तरह पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की खपत बढ़ रही है और देश में क्रूड ऑयल प्रोडक्शन का जो हाल है, उसे देखते हुए मौजूदा वित्त वर्ष में इंपोर्ट डिपेंडेंसी बढ़ सकती है। वित्त वर्ष 2024 में आयात पर निर्भरता बढ़कर 87.7% हो गई थी, जो इससे पिछले फाइनैंशल ईयर में 87.4% थी। वित्त वर्ष 2022 में भारत को अपनी कुल जरूरत का 85.5% क्रूड ऑयल इंपोर्ट करना पड़ा था।

Related Story

India

97/2

12.2

Ireland

96/10

16.0

India win by 8 wickets

RR 7.95
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!