Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jun, 2019 06:36 PM
मोदी 2.0 सरकार में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की पहली बैठक होने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में काउंसिल की यह पहली बैठक होगी। माना जा रहा है कि 5 जुलाई को आम बजट पेश होने से पहले हो रही इस बैठक में कई चीजों के सस्ता...
नई दिल्लीः GST काउंसिल की 35वीं बैठक खत्म हो चुकी है। बैठक के बाद राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने बताया कि जीएसटी कानून में बदलाव को लेकर बड़ा फैसला हुआ है। अब रजिस्ट्रेशन के लिए आधार का इस्तेमाल कर कई अन्य दस्तावेजों से बचा जा सकता है। साथ ही, अब कारोबारी अपने आधार का इस्तेमाल कर खुद जीएसटी में रजिस्टर्ड हो सकते हैं। इसके अलावा इलेक्ट्रिक व्हीकल पर GST घटाने का फैसला टल गया है। अब ई-व्हीकल मामले पर कमेटी बनेगी। अब 2 महीने तक GST रिटर्न नहीं भरा तो ई-वे बिल जेनेरेट करने पर पाबंदी लग जाएगी। ये आदेश अब 21 जून की बजाय 21 अगस्त से लागू होगा। आपको बता दें कि ई-वे बिल सिस्टम सामान के एक जगह से दूसरी जगह पर लेने जाने वाले परिवहन व्यवस्था से जुड़ा है। मान लीजिए किसी वस्तु का एक स्टेट से दूसरे राज्य या फिर राज्य के अंदर आजा-जाना होता है तो सप्लायर को अब ई-वे बिल जनरेट करना जरूरी है।
E-Invoice पर हुआ फैसला
सूत्रों की माने तो कंपनियों के बीच खरीद फरोखत (B2B) के लिए एक केंद्रीकृत सरकारी पोर्टल पर E-Invoice निकालने की प्रस्तावित व्यवस्था 50 करोड़ रुपए या उससे अधिक के कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए जरूरी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। माना जा रहा है कि इससे जीएसटी की चोरी पर अंकुश लगेगा।
कारोबारियों और सरकार, दोनों को फायदे की उम्मीद
कंपनियों के बीच कारोबार के लिये इ-इनवॉयस निकालने के लिए कारोबार सीमा 50 करोड़ रुपए तय की जा सकती है। ई-इनवॉयस जनरेट करने के साथ 50 करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को रिटर्न फाइल करने और इनवॉयस अपलोड करने के दो काम से राहत मिलेगी। इससे सरकार को इनवॉयस के दुरूपयोग को रोकने तथा कर चोरी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
आपको बता दें कि GST काउंसिल की बैठक में ई-व्हीकल -2व्हीलर और 4-व्हीलर पर लगने वाली जीएसटी दरों में कटौती पर चर्चा के बाद इसको लेकर कमेटी बनाने पर फैसला हुआ है। ये कमेटी दरों को लेकर अपना फैसला देगी। अगर ई-स्कूटर पर GST दरें 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी पर आती तो खरीदार के लिए ई-स्कूटर करीब 5 हजार रुपये सस्ता हो जाता। वहीं, ई-कार करीब 1 लाख रुपए तक सस्ती हो जाती।