'GST नेटवर्क पूरी तरह स्थिर, अब तक 11.30 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए'

Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Jun, 2018 06:00 PM

gst network is completely stable so far 11 30 million returns have been filed

देश में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था लागू हुए अब जबकि एक साल पूरा होने को है, इस व्यवस्था के लिए नेटवर्क ढांचे का रखरखाव और संचालन करने वाली कंपनी जीएसटीएन का दावा है

बिजनेस डेस्कः देश में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था लागू हुए अब जबकि एक साल पूरा होने को है, इस व्यवस्था के लिए नेटवर्क ढांचे का रखरखाव और संचालन करने वाली कंपनी जीएसटीएन का दावा है कि नेटवर्क प्रणाली अब पूरी तरह स्थिर है और यह ठीक काम कर रही है।

जीएसटी प्रणाली की शुरूआत से लेकर अब तक कुल मिलाकर इसमें 11.30 करोड़ रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। जीएसटी प्रणाली की शुरूआत में इसके नेटवर्क की पहुंच, उसमें रिटर्न दाखिल करने और जटिलताओं को लेकर कई तरह की शिकायतें सामने आईं थीं। देश में जीएसटी व्यवस्था एक जुलाई, 2017 से लागू हुई। सिस्टम अब किस तरह काम कर रहा है इस सवाल के जवाब में जीएसटी नेटवर्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) प्रकाश कुमार ने कहा कि नेटवर्क में स्थिरता है और यह ठीक से काम कर रहा है। 

उन्होंने कहा कि यह प्रणाली में स्थिरता का ही परिणाम है कि पिछले एक साल में इसमें कुल मिलाकर 11.30 करोड़ रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं और गत 20 नवंबर को एक ही दिन में सर्वाधिक 18 लाख रिटर्न इसमें दर्ज किए गए। नेटवर्क प्रणाली तक पहुंच, फार्म भरने में दिक्कत और उसे ‘सबमिट’ करने में सामने आई शिकायतों के बारे में पूछने पर कुमार ने कहा, शुरूआत में कुछ घटनाएं हुईं थी लेकिन इसमें 3 बातों पर ध्यान देने की जरूरत होती है। 

  • पहला- यह कि आपकी प्रणाली (सिस्टम) कैसे काम कर रही है। 
  • दूसरा- जिस नेटवर्क पर आप काम कर रहे हैं उसकी कनेक्टिविटी कैसी है।
  • तीसरा- कंप्यूटर नेटवर्क में काम करने वाले को उसकी कितनी जानकारी है।


कुमार ने कहा, ‘‘कई बार हम गलत कर रहे होते हैं, यूजर मैनुअल ठीक से नहीं देखते हैं। यही वजह है कि हमने इसमें मदद के लिए तमाम उपाय किए हैं। इस्तेमाल से जुड़े कई वीडियो भी डाले हैं।’’ जीएसटी में केन्द्र द्वारा लगाया जाने वाला उत्पाद शुल्क, राज्यों में लगने वाले मूल्य र्विधत कर (वैट) और चुंगी आदि कई अप्रत्यक्ष करों को समाहित किया गया। यह पूरी प्रणाली आनलाइन है और इसके लिए आनलाइन ढांचा और कंप्यूटर प्रणाली का प्रबंधन करने का काम जीएसटी नेटवर्क कंपनी को दिया गया है। कंपनी में केन्द्र, राज्य सरकारें और कुछ बैंक एवं बीमा कंपनियां हिस्सेदार हैं।

‘‘जीएसटी प्रणाली में अब तक कुल मिलाकर 1.10 कारोबारी पंजीकरण करा चुके हैं। इसमें 63.50 लाख पुराने कारोबारी है जबकि शेष नए पंजीकरण हैं। हर महीने करीब एक करोड़ रिटर्न दाखिल हो रहे हैं, ऐसे में सिस्टम को लेकर सवाल नहीं उठना चाहिए। शुरू में यह आंकड़ा कुछ कम था लेकिन अब यह लगातार बढ़ रहा है।’’ 

कारोबारियों को रिटर्न दाखिल करने में दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि जीएसटी नेटवर्क में कामकाज की सुविधा को लगातार बेहतर बनाया जा रहा है। इससे जुड़े हेल्पडेस्क में 400 लोग काम कर रहे हैं। इसके यूजर इंटरफेस को और बेहतर बनाया जा रहा है। 

पहले इसमे इस्तेमाल करते हुए यदि कोई गड़बड़ी होती थी तो यह केवल ‘गड़बड़ी हुई’ बताता था लेकिन अब इसमें गड़बड़ी बताने के साथ एक कोड भी आता है। इस कोड को लेकर हेल्पडेस्क से बात करने पर पता चल जाता है कि क्या गड़बड़ी है और हेल्पडेस्क उसका समाधान बता देता है। ‘‘हमारे कई युवा लगातार सोशल मीडिया और ट्विटर पर नजर रखते हैं और सुझावों पर भी गौर करते हैं। उनपर गौर किया जाता है और जरूरी कदम भी उठाये जाते हैं।’’ 

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