Edited By Supreet Kaur,Updated: 19 Sep, 2018 04:21 PM
म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। शेयर बाजार नियामक सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की फीस स्ट्रक्चर में बदलाव किया है। इससे म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वाले निवेशकों को फायदा होगा। लेकिन फंड...
बिजनेस डेस्कः म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। शेयर बाजार नियामक सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की फीस स्ट्रक्चर में बदलाव किया है। इससे म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वाले निवेशकों को फायदा होगा। लेकिन फंड हाउसों को इसका नुकसान हो सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से छोटे निवेशकों को कुछ परेशानियां आ सकती है, क्योंकि कम फायदा होने पर डिस्ट्रीब्यूटर्स उनके पास नहीं जाना चाहेंगे। सेबी ने म्युचुअल फंड में निवेश करने पर होने वाले कुल खर्च यानी मैक्सिमम टोटल एक्सपेंस रेश्यो (टीईआर) की सीमा तय कर दी है। अब 50 हजार करोड़ से ज्यादा संपत्ति वाले फंड हाउस के लिए टीईआर को 1.75 फीसदी से घटाकर 1.05 फीसदी कर दिया गया है।
सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी के अनुसार म्युचुअल फंड इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है, लेकिन इसका पूरा लाभ निवेशकों को नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने जो कैलकुलेशन किया है, उसके मुताबिक टीईआर को कम करने से निवेशकों को 13000 करोड़ रुपए के रेवेन्यू पर करीब 1500 करोड़ रुपए की बचत होगी।