Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Sep, 2018 06:46 PM
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को धोखाधड़ी करने और जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों के खिलाफ कारगर कदम उठाने को कहा।
नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को धोखाधड़ी करने और जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों के खिलाफ कारगर कदम उठाने को कहा। सरकारी क्षेत्र के बैंकों के साथ राजधानी में एक बैठक में उनके कामकाज की समीक्षा करते हुए वित्त मंत्री ने विश्वास जताया कि अर्थव्यवस्था में लिखा-पढ़ी के साथ संगठित ढंग से कारोबार का विस्तार होने से भारत को आठ प्रतिशत की दर से मजबूत आर्थिक वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्रालय द्वारा किए गए ट्वीट में कहा गया है, ‘‘वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैंकों से कहा कि वह कर्ज देने का काम पूरी ईमानदारी से करें और बैंकों में पुन: जो भरोसा किया गया है उसे सही साबित करने के लिए धोखाधड़ी करने तथा जान बूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों के खिलाफ कारगर कार्रवाई करें। बैंकों को हर समय ऐसे संस्थान के रूप में दिखना चाहिए जो कि पूरी ईमानदारी और सूझबूझ के साथ कर्ज का वितरण करते हैं।’’
वित्त मंत्री की सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ यह समीक्षा बैठक ऐसे समय हुई है जब ‘वैकल्पिक प्रणाली’ ने सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों बैंक आफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय का फैसला किया है। यह निर्णय वैश्विक आकार के मजबूत और बड़े बैंक बनाने की दृष्टि से किया गया है। बैंकों ने, जहां तक उनके फंसे कर्ज की बात है, इसकी वसूली के लिए प्रयास तेज किए हैं। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंकों ने पुराने फंसे कर्ज में से 36,551 करोड़ रुपए की वसूली की है। पिछले साल की इसी तिमाही में की गई वसूली के मुकाबले यह राशि 49 प्रतिशत अधिक है। पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में बैंकों ने कुल 74,562 करोड़ रुपए की वसूली की है।