Apple को मेड इन इंडिया चिप दे सकती है Micron, गुजरात के साणंद प्लांट से सप्लाई का प्लान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Apr, 2024 11:57 AM

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मेमरी और स्टोरेज उपकरण बनाने वाली नामी कंपनी माइक्रॉन टेक्नोलॉजी भारत के अपने कारखाने में बनने वाले अपने ‘मेड इन इंडिया’ चिप की आपूर्ति ऐपल को करने की सोच रही है, जो उसके वैश्विक ग्राहकों में शामिल है। ऐपल ठेके पर भारत में आईफोन असेंबल कराती है।...

बिजनेस डेस्कः मेमरी और स्टोरेज उपकरण बनाने वाली नामी कंपनी माइक्रॉन टेक्नोलॉजी भारत के अपने कारखाने में बनने वाले अपने ‘मेड इन इंडिया’ चिप की आपूर्ति ऐपल को करने की सोच रही है, जो उसके वैश्विक ग्राहकों में शामिल है। ऐपल ठेके पर भारत में आईफोन असेंबल कराती है। माइक्रॉन गुजरात के साणंद में असेंबली टेस्ट मार्किंग ऐंड पैकेजिंग (एटीएमपी) कारखाना लगा रही है। ऐपल के लिए ठेके पर आईफोन बनाने वाली कंपनियां फिलहाल चिप आयात करती हैं। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि माइक्रॉन भारत में बनने वाले चिप का एक हिस्सा यहां मौजूद अपने ग्राहकों को देने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

साणंद कारखाने से पहला मेड इन इंडिया चिप दिसंबर तक आने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि माइक्रॉन विदेश में अपने कारखानों से वेफर भारत लाएगी और यहां के कारखाने में उसे प्रोसेस कर चिप बनाएगी। पहले चरण में चिप का निर्यात किया जाएगा मगर कंपनी की योजना अगले चरण में चिप सीधे अपने वैश्विक ग्राहकों को देने की है। इनमें ऐपल भी शामिल है। भारत में तीन कंपनियां ऐपल के लिए ठेके पर आईफोन बनाती हैं और कंपनी के कुल आईफोन उत्पादन का 12 फीसदी हिस्सा भारत में ही असेंबल होता है। माइक्रॉन के एटीएमपी और वेफर संयंत्र अमेरिका, मले​शिया, जापान, सिंगापुर, चीन और ताइवान समेत तमाम जगहों पर हैं।

ऐपल ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। माइक्रॉन के भारत में मौजूद दफ्तर तथा उसके मुख्यालय तक सवाल भेजे गए मगर दोनों जगहों से जवाब नहीं आए। मेड इन इंडिया चिप इस्तेमल करने से ऐपल का मूल्यवर्द्धन काफी बढ़ जाएगा। फिलहाल यहां आईफोन में 10 से 12 फीसदी ही मूल्यवर्द्धन होता है। मोबाइल उपकरणों के उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत पात्रता के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2026 तक 40 फीसदी मूल्यवर्द्धन का लक्ष्य रखा है।

माइक्रॉन पहली बड़ी वै​श्विक कंपनी है, जिसे सरकार की सेमीकंडक्टर योजना के तहत मंजूरी मिली है। कंपनी साणंद में एटीएमपी कारखाने पर 2.75 अरब डॉलर का निवेश कर रही है। केंद्र और राज्य सरकार परियोजना कारखाना बनाने पर आने वाले खर्च का 70 फीसदी स​ब्सिडी (स​ब्सिडी में केंद्र का हिस्सा 50 फीसदी होगा) देंगी। कारखाना 10 लाख वर्ग फुट में होगा। इसमें 5,000 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा और 15,000 से 20,000 लोगों को परोक्ष रोजगार हासिल होगा। 

माइक्रॉन के एक वरिष्ठ अ​धिकारी ने पहले कहा था कि वेफर से विभिन्न प्रकार के चिप बनाने में 10 से 40 फीसदी मूल्यवर्द्धन होगा। स्टैटिस्टा के अनुसार माइक्रॉन लंबे समय तक शीर्ष 10 सेमीकंडक्टर विनिर्माताओं की सूची में रहने के बाद 2023 में इससे बाहर हो गई थी। 2023 में कंपनी ने घोषणा की थी कि चीन ने उसे वहां की कंपनियों को उत्पाद बेचने से रोक दिया है, जिसका असर उसकी आय पर पड़ेगा।

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