Edited By Isha,Updated: 15 Jan, 2019 09:53 AM
भारत दूध उत्पादन में अग्रणी देशों में शुमार है। यह तब है जब मस्टाइटिस बीमारी की वजह से दूध उत्पादन पर खासा असर पड़ता है और अगर इस बीमारी पर लगाम लग जाए तो देश में 30 प्रतिशत दूध उत्पादन
नई दिल्ली : भारत दूध उत्पादन में अग्रणी देशों में शुमार है। यह तब है जब मस्टाइटिस बीमारी की वजह से दूध उत्पादन पर खासा असर पड़ता है और अगर इस बीमारी पर लगाम लग जाए तो देश में 30 प्रतिशत दूध उत्पादन बढ़ जाएगा और किसानों की आय भी 30 से 35 प्रतिशत बढ़ जाएगी। मू
फार्म के संस्थापक परम सिंह ने कहा कि औसतन 1000 पशुओं की जांच में 600 में मस्टाइटिस की समस्या देखी जाती है और इस समस्या को दूर कर देश में दूध उत्पादन में 30 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। स्तन में आई सूजन को मस्टाइटिस या स्थानीय भाषा में थनैला कहा जाता है। इसकी वजह से डेयरी किसानों को 30 से 50 प्रतिशत तक दूध उत्पादन का नुक्सान उठाना पड़ता है। एक अनुमान के मुताबिक इससे डेयरी उद्योग को लगभग 52.6 करोड़ डॉलर का नुक्सान होता है। भारत में दूध उत्पादन का औसत महज 3 लीटर प्रति पशु है जबकि यही औसत ऑस्ट्रेलिया में 16 और इसराईल में 36 लीटर प्रति पशु है। उन्होंने कहा कि मूफार्म 2020 तक भारत के 2 लाख डेयरी किसानों को प्रशिक्षित करेगा और पशु पोषण जैसे क्षेत्रों में किसानों का कौशल बढ़ाने में मदद करेगा।