Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Jun, 2019 05:42 PM
एक अप्रैल, 2020 से देश की सड़कों पर पुराने वाहनों को किसी भी कीमत पर नहीं चलने दिया जाएगा। इसके लिए सरकार 2018 में लाई गई वाहन कबाड़ नीति को और आकर्षक बनाया जा रहा है। यह संकेत हाल ही में एक इंटरव्यू में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन
नई दिल्लीः एक अप्रैल, 2020 से देश की सड़कों पर पुराने वाहनों को किसी भी कीमत पर नहीं चलने दिया जाएगा। इसके लिए सरकार 2018 में लाई गई वाहन कबाड़ नीति को और आकर्षक बनाया जा रहा है। यह संकेत हाल ही में एक इंटरव्यू में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दिए हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय ने वाहन कबाड़ नीति के लिए कुछ आवश्यक सुझाव भेजे हैं। इस नीति का इस नीति का मकसद एक अप्रैल 2020 से पुराने वाहनों को अनिवार्य रूप से कबाड़ में बदलने का रास्ता साफ करना है।
क्या है वाहन कबाड़ नीति
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 2018 में वाहन कबाड़ नीति का प्रस्ताव बनाया था। इस कबाड़ नीति को मार्च 2018 में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। इस नीति का मकसद 20 साल या इससे अधिक पुराने कॉमर्शियल वाहनों को सड़क से हटाना था। इस नीति के प्रस्तावों की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि इससे वाहन प्रदूषण पर भी लगाम लगेगी।
पुराने वाहन देकर नए वाहन खरीदने पर मिलेगा फायदा
वाहन कबाड़ नीति में प्रावधान किया गया है कि पुराने कॉमर्शियल वाहनों के जो मालिक अपने वाहनों को देकर नए वाहन खरीदेंगे, उन्हें आर्थिक रूप से फायदा दिया जाए। वाहन कबाड़ नीति में कहा गया है कि 15 साल से ज्यादा पुराने कॉमर्शियल लौटाने वालों को कम से कम 15 लाख रुपए तक के नए कॉमर्शियल वाहन खरीदने पर करीब 5 लाख रुपए तक की छूट दी जाएगी।
वाहन कबाड़ नीति लागू होने से सड़कों से हटेंगे 2.80 करोड़ वाहन
सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने इस नीति को स्वैच्छिक वाहन बेड़ा आधुनिकीकरण कार्यक्रम (वी-वीएमपी) के तहत पेश किया है। इस नीति को पेश करते समय गडकरी ने कहा था कि इसके लागू होने का बाद करीब 2.8 करोड़ वाहन सड़कों से हट जाएंगे। इससे वाहन उद्योग में भी 22 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। गडकरी ने कहा था कि इससे 10 हजार करोड़ रुपए का राजस्व मिलेगा। इस नीति में 31 मार्च 2005 से पहले खरीदे गए वाहनों को सड़कों से हटाने का प्रस्ताव है।
सरकारी कंपनी ने महिंद्रा के साथ शुरू किया है पुराने वाहन खरीदने का काम
देश की बड़ी वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा ने सरकारी कंपनी एमएसटीसी के साथ मिलकर पिछले साल पुराने वाहन खरीदने का काम शुरू किया था। इसके लिए दोनों कंपनियों ने CERO नाम से नई कंपनी का गठन किया है। इस कंपनी के तहत पुराने वाहने खरीदने के लिए पहला प्लांट ग्रेटर नोएडा में लगाया गया है। इस योजना के तहत CERO आपके घर से पुराने वाहन को ले जाएगी और इसके बदले में आपको वाहन की कीमत भी दी जाएगी। CERO इन पुराने वाहनों से स्क्रैप बनाएगी। पुराने वाहन की कीमत उसकी उम्र और हालात के आधार पर तय की जाएगी।