Edited By Isha,Updated: 27 Feb, 2019 10:49 AM
कर्ज में डूबी देश की बड़ी होटल कम्पनियों में शुमार होटल लीला वैंचर्स पर संकट के बाद मंडराने लगे हैं। होटल लीला वैंचर्स द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उसके बड़े कर्जदाताओं में शुमार जे.एम. फाइनैंशियल रिकंसट्रक्शन कम्पनी ने नैशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल...
नई दिल्ली: कर्ज में डूबी देश की बड़ी होटल कम्पनियों में शुमार होटल लीला वैंचर्स पर संकट के बाद मंडराने लगे हैं। होटल लीला वैंचर्स द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उसके बड़े कर्जदाताओं में शुमार जे.एम. फाइनैंशियल रिकंसट्रक्शन कम्पनी ने नैशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल की मुम्बई शाखा में याचिका दायर की है। यह याचिका इंसोल्वैंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016 के सैक्शन 6 के तहत दायर की है।
जे.एम. को इक्विटी शेयर देने के प्रस्ताव को नहीं मिली मंजूरी
पिछले साल जून में होटल लीला वैंचर्स के बोर्ड ने अपने सबसे बड़े कर्जदाता जे.एम. फाइनैंशियल को करीब 125 करोड़ इक्विटी शेयर देने का प्रस्ताव तैयार किया था। इस प्रस्ताव के अनुसार इन इक्विटी शेयरों को देने के बाद जे.एम. फाइनैंशियल की होटल लीला वैंचर्स में हिस्सेदारी 26 प्रतिशत से बढ़कर 75 प्रतिशत हो जाती लेकिन 20 अगस्त को हुई कम्पनी की एनुअल जनरल मीटिंग में इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली थी।
‘निवेशकों के साथ जुड़े सभी मामलों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध’
होटल लीला वैंचर्स की ओर से जारी किए गए एक नोट में कहा गया है कि वह निवेशकों के साथ जुड़े सभी मामलों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है। होटल लीला वैंचर्स दिल्ली, चेन्नई, उदयपुर, गुरुग्राम और बेंगलूरू में होटल्स का संचालन करती है और कम्पनी पर करीब 3000 करोड़ रुपए का कर्ज है। हालांकि कुछ रिपोर्ट में कहा गया है कि कनैडियन कम्पनी ब्रुकफील्ड एसैट मैनेजमैंट ने जे.एम. फाइनैंशियल के साथ मिलकर होटल लीला वैंचर्स को खरीदने के लिए 4500 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया है।