आर्थिक मोर्चे पर भी चीन को मिला जवाब, 43% भारतीयों ने एक साल में नहीं खरीदा चीनी सामान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Jun, 2021 12:14 PM

on the economic front too china got the answer

लद्दाख के पास गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से बीते साल हुई झड़प में भारतीय सेना के जांबाजों ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। यही नहीं तब से अब तक एक साल में आर्थिक मोर्चे पर भी लोगों ने चीन को किनारे लगाने का प्रयास किया है।

नई दिल्लीः लद्दाख के पास गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से बीते साल हुई झड़प में भारतीय सेना के जांबाजों ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। यही नहीं तब से अब तक एक साल में आर्थिक मोर्चे पर भी लोगों ने चीन को किनारे लगाने का प्रयास किया है। 

एक सर्वे के मुताबिक ऐसे 43 प्रतिशत भारतीय हैं, जिन्होंने पिछले 12 महीनों में चीन में बना कोई भी उत्पाद नहीं खरीदा है। कम्यूनिटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘लोकल सर्कल्स’ के सर्वे के मुताबिक जिन लोगों ने चीन में बने उत्पादों की खरीद भी की, उनका कहना है कि ऐसा उन्होंने 1 से दो बार ही किया है। 
केंद्र सरकार की ओर से चीन के 100 से ज्यादा ऐप्स पर बैन और स्वदेशी सामानों की मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की नीति के बीच यह सर्वे आया है। बीते साल चीन की ओर से सीमा पर खूनी झड़प किए जाने के बाद भारत सरकार ने टिकटॉक, अली एक्सप्रैस समेत कई ऐप्स को बैन कर दिया था। यही नहीं गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत पर देश भर में गुस्सा था और कई बार चीनी उत्पादों के बहिष्कार की भी अपील की गई थी। 

लोकल सर्कल्स की ओर से बीते साल नवम्बर में भी ऐसा ही एक सर्वे किया गया था, जिसके मुताबिक उस वक्त 71 फीसदी भारतीयों ने चीन में बने किसी सामान की खरीद नहीं की थी। 

भारतीय ट्रेड में चीन की बड़ी हिस्सेदारी
भारत के ट्रेड में चीन की हिस्सेदारी की बात करें तो इंटरमीडिएट गुड्स के लिए भारतीय इंपोर्ट में 12 प्रतिशत हिस्सेदारी चीन की है, कैपिटल गुड्स में 30 और कंज्यूमर गुड्स मेंं 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 
हालांकि सर्वे रिपोर्ट में कहा गया कि 2020 में चीन के साथ ट्रेड के आंकड़े 5.6 प्रतिशत गिरकर 87.6 अरब डॉलर पर आ गए थे, लेकिन 2021 के शुरूआती 5 महीने में चाइनीज इंपोर्ट 42 प्रतिशत बढ़ गया क्योंकि भारत ने महामारी के दौरान चीन से बड़ी संख्या में लाइफ सेविंग इक्विपमैंट और मैडीकल ऑक्सीजन इक्विपमैंट मंगवाए।

281 जिलों के 18,000 लोग सर्वे में शामिल
मौजूदा सर्वे में देश के 281 जिलों के 18,000 लोगों को शामिल किया गया था। सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों ने चीनी सामान की खरीद के पीछे कम दाम और पैसे की बचत को वजह बताया। कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने चीन में बने उत्पादों की क्वॉलिटी को भी खरीदने की वजह बताया। बीते एक साल में चीन का सामान खरीदने वाले लोगों में से 70 फीसदी ने बताया कि उन्होंने इसलिए इसे लिया क्योंकि पैसे की बचत हो रही थी। चीन का सामान खरीदने वाले सर्वे में शामिल लोगों में से 14 फीसदी ने बताया कि बीते एक साल में उन्होंने 3 से 5 चीजें खरीदीं। इसके अलावा 7 प्रतिशत लोग ऐसे रहे हैं, जिनका कहना था कि उन्होंने 5-10 आइटम्स ऐसी खरीदीं, जो चीन में बनी थीं।

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