Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Sep, 2018 06:19 PM
लगातार गिरता रुपया चिंता का विषय बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह के अंत में आर्थिक समीक्षा के लिए बैठक बुला सकते हैं। सूत्रों के अनुसार बैठक में रुपए को संभालने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
बिजनेस डेस्कः लगातार गिरता रुपया चिंता का विषय बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह के अंत में आर्थिक समीक्षा के लिए बैठक बुला सकते हैं। सूत्रों के अनुसार बैठक में रुपए को संभालने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक सरकार तेल की कीमतों में वृद्धि के बारे में भी कोई ऐलान कर सकती है।
ट्रेड वॉर के चलते रुपए में गिरावट
चालू खाता घाटा और चीन-अमेरिका में ट्रेड वॉर के चलते रुपया लगातार गिर रहा है। वित्त वर्ष की इस तिमाही में चालू घाटा जीडीपी का 2.4 फीसदी हो गया है जो लगभग 16 अरब डॉलर है। मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 19 में भारत का सीएडी GDP के मुकाबले 2.5 हो जाएगा।
इस वर्ष रुपया 12% गिरा
बुधवार सुबह बाजार खुलने के साथ ही रुपया रिकॉर्ड लो 72.90 पर पहुंच गया। बाद में जब खबर मिली की सरकार इसमें दखल देना चाहती है तो रुपए की वैल्यू में थोड़ा सुधार हुआ। इस साल रुपया 12 फीसदी गिर गया है और यह एशिया में सबसे बुरा प्रदर्शन करने वाली करंसी है।
सरकार और RBI उठाएंगे हर संभव कदम
इससे पहले कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि सरकार आरबीआई के साथ मिलकर NRI के लिए डिपॉजिट स्कीम का ऐलान कर सकती है जिससे मुद्रा का विदेशी प्रवाह तेज हो और रुपया संभल जाए। 1 अगस्त से पैट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के लिए रुपए की कमजोरी क्रमश: 56 और 50 फीसदी जिम्मेदार है। डॉलर के मामले में भारतीय बास्केट 3 फीसदी महंगा हो गया है। पिछले 40 दिनों में तेल आयात की कीमत में तीन गुना इजाफा हो चुका है।
इस बीच वित्त मंत्रालय ने कहा कि 'रुपए में निराधार गिरावट नहीं आए’ इसके लिए सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक हर संभव प्रयास करेंगे। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने ट्वीट में कहा, 'रुपया ज्यादा नीचे न जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार और आरबीआई हर संभव कदम उठाएंगे।'