Edited By rajesh kumar,Updated: 01 Aug, 2020 06:46 PM
गौड़ ग्रुप (पूर्ववर्ती गौड़संस) ने शनिवार को दावा किया कि राहुल गौड़ का समूह के साथ पिछले करीब एक दशक से कोई संबंध नहीं है और वह एक अलग कंपनी चला रहे हैं। राहुल गौड़, गौड़ समूह के संस्थापक बी एल गौड़ के पुत्र हैं और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई)...
नई दिल्ली: गौड़ ग्रुप (पूर्ववर्ती गौड़संस) ने शनिवार को दावा किया कि राहुल गौड़ का समूह के साथ पिछले करीब एक दशक से कोई संबंध नहीं है और वह एक अलग कंपनी चला रहे हैं। राहुल गौड़, गौड़ समूह के संस्थापक बी एल गौड़ के पुत्र हैं और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ बैंकों से 80 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
कंपनी के प्रवक्ता ने समूह के वकील द्वारा एक समाचार पत्र में जारी सार्वजनिक नोटिस का हवाला दिया है। इसमें कहा गया है कि राहुल गौड़ ने गौड़संस इंडिया लि. और उसके समूह की कंपनियों से इस्तीफा दे दिया है और उनके उसके बाद मनोज गौड़ और बी एल गौड़, निदेशकों, शेयरधारकों, अधिकारियों तथा कर्मचारियों का राहुल गौड़ के साथ या उन कंपनियों के साथ जिनमें के राहुल गौड़ की हिस्सेदारी है, किसी तरह के कारोबारी संबंध नहीं हैं।
प्रवक्ता ने कहा राहुल गौड़ का समूह से करीब एक दशक से अधिक से कोई संबंध नहीं है। वह अलग कंपनी चलाते हैं। उन्होंने जो कुछ किया है वह उनका व्यक्तिगत या उनके संगठन से जुड़ा मामला है और गौड़ंसस का इससे कुछ लेनादेना नहीं है। सीबीआई ने हाल में राहुल गौड़, उनकी पत्नी नवनीत तथा उनकी कंपनी ब्रायस इंटरनेशनल के खिलाफ कथित रूप से बैंक ऑफ बड़ौदा तथा सिंडिकेट बैंक से धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। यह ऋण 2015 में गैर-निष्पदित आस्तियां (एनपीए) बन गया था।
अधिकारियों ने बताया कि राहुल और उनकी पत्नी नवनीत दोनों इस समय अलग एजेंसियों द्वारा अन्य मामलों में की जा रही जांच के सिलसिले में जेल में हैं। ब्रायस इंटरनेशनल ने नोएडा के सेक्टर 150 में एक महंगे आवासीय परिसर के निर्माण के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा से 150 करोड़ रुपये और सिंडिकेट बैंक से 100 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। इस परिसर में 291 लक्जरी अपार्टमेंट बनाए जाने थे। बैंक ऑफ बड़ौदा ने बड़ौदा ने अपनी शिकायत में कहा है कि बैंकों ने 80 करोड़ रुपये का वितरण कर दिया था, लेकिन इस परियोजनाओं का शुरुआती चरण में ही अधर में छोड़ दिया गया।