Edited By Yaspal,Updated: 10 Jul, 2023 08:23 PM
रिजर्ब बैंक ऑफ इंडिया द्वारा बैंक खाता धारकों को अपनी पसंद का डेबिट और क्रेडिट कार्ड चुनने का विकल्प दिए जाने के बाद भारतीय डेबिट और क्रेडिट कार्ड मार्केट में मास्टर कार्ड और वीजा जैसे विदेशी कार्डों की बादशाहत खत्म होगी
बिजनेस डेस्कः रिजर्ब बैंक ऑफ इंडिया द्वारा बैंक खाता धारकों को अपनी पसंद का डेबिट और क्रेडिट कार्ड चुनने का विकल्प दिए जाने के बाद भारतीय डेबिट और क्रेडिट कार्ड मार्केट में मास्टर कार्ड और वीजा जैसे विदेशी कार्डों की बादशाहत खत्म होगी। साथ ही फैसले के कारण कार्ड कंपनियों के मध्य प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिसका फायदा ग्राहकों को होगा। ग्राहक अब अपनी मर्जी के अनुसार किसी भी कंपनी का कार्ड चुन सकेंगे। इससे भारत के अपने पैमेंट चैनल रुपे का भी प्रभाव बढ़ेगा।
इससे पहले निजी क्षेत्र के बैंक खासतौर पर ग्राहकों को वीजा या मास्टर कार्ड चुनने का ही विकल्प देते हैं क्योंकि बैंकों का इन कार्ड कंपनियों के साथ समझौता होता है जिस कारण भारत के अपने पेमेंट कार्ड रुपे को ज्यादा अहमियत नहीं मिल पाती हालांकि सरकारी बैंकों में रुपे कार्ड का पूरा प्रभाव है। आरबीआई ने हाल ही में ये प्रस्ताव दिया है कि कार्ड जारी करने वाले बैंकों और गैर - बैंकिंग इकाइयों को अपने ग्राहकों को कार्ड नेटवर्क चुनने का विकल्प देना चाहिए।
आरबीआई के प्रस्ताव के अनुसार, कार्ड जारीकर्ताओं को कार्ड नेटवर्क के साथ किसी भी ऐसी व्यवस्था या समझौता करने से प्रतिबंधित किया जाएगा जो उन्हें अन्य कार्ड नेटवर्क की सेवाओं का लाभ उठाने से रोकता है। मसौदे के अनुसार , ‘‘ कार्ड जारी करने वाले अपने पात्र ग्राहकों को विभिन्न कार्ड नेटवर्कों (रुपे , मास्टर और वीजा आदि) में से किसी एक को चुनने का विकल्प प्रदान करेंगे। इस विकल्प का उपयोग ग्राहक या तो जारी होने के समय या उसके बाद किसी भी समय कर सकते हैं।
इसके अलावा , इसमें कहा गया है कि कार्ड जारी करने वाले को एक ही कार्ड नेटवर्क पर निर्भर नहीं होना है। उन्हें एक से अधिक कार्ड नेटवर्क आधारित कार्ड जारी करने चाहिए। भारत में अधिकृत कार्ड नेटवर्क में अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प , डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल , मास्टरकार्ड एशिया / पैसिफिक पीटीई लिमिटेड , नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया - रुपे और वीजा वर्ल्डवाइड लिमिटेड हैं।