Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Apr, 2025 09:33 AM
Varuthini ekadashi 2025: वैशाख का पवित्र माह चल रहा है। 24 अप्रैल दिन गुरुवार को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की वरुथिनी एकादशी पड़ रही है। इस दिन विष्णु जी के वराह अवतार की पूजा की जाती है। मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को...
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Varuthini ekadashi 2025: वैशाख का पवित्र माह चल रहा है। 24 अप्रैल दिन गुरुवार को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की वरुथिनी एकादशी पड़ रही है। इस दिन विष्णु जी के वराह अवतार की पूजा की जाती है। मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को कन्यादान के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसी बीच आपको बता दें कि इस दिन बेहद ही शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। जिससे इस दिन का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। जिसके चलते आज आपको वरुथिनी एकादशी पर करने वाली कुछ ऐसी चीजों के दान के बारे में बताएंगे। जिसको करने से आपके घर में बरकत आएगी तो आइए जानते हैं उन वस्तुओं के बारे में...

घड़ा- सबसे पहली वस्तु है घड़ा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वरुथिनी एकादशी पर मिट्टी के घड़े में जल भरकर दान करना सबसे श्रेष्ठ माना गया है। इससे आपके पाप कर्मों का नाश होगा। अगर आप जल से भरा घड़ा दान नहीं कर सकते हैं तो फिर वरुथिनी एकादशी के दिन राहगीरों को पानी जरूर पिलाएं। मान्यता है कि इससे आपके घर में सुख-समृद्धि आती है और परिवार में कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती है।
तिल- दूसरी वस्तु का नाम है तिल। धार्मिक मान्यता है कि तिल की उत्पत्ति श्री हरि से ही हुई है। तो ऐसे में वरुथिनी एकादशी पर काले तिल को जल में प्रवाहित करने पर भगवान विष्णु तो प्रसन्न होते ही हैं। साथ ही साथ शनिदेव की भी अपार कृपा प्राप्त होती है। इसी के साथ इस दिन तिल से बने मिष्ठान का दान करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन से पापों का नाश होता है।
सत्तू- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वरुथिनी एकादशी के दिन सत्तू का दान करना बेहद ही शुभ माना गया है। मान्यता है कि सत्तू के दान से आपको सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और जीवन में धन-संपदा आती है।

रसीले फल- तो वहीं धर्म शास्त्रों की मानें तो वरुथिनी एकादशी के दिन केला, आम और अन्य रसीले फल जरूरतमंद लोगों को दान जरूर करें। ऐसा करने से आपके जीवन के दुख-दर्द दूर होते हैं और सुख-शांति आती है।
पीले फूल- इसके अलावा जैसा कि सभी जानते हैं कि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को पीले फूल अति प्रिय हैं। ऐसे में वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को गेंदे के फूल अर्पित करें और इसके बाद थोड़े से फूलों का दान भी करें। बता दें कि फूलों के दान से अर्थ है कि मंदिर में भगवान की सेवा में फूलों को रखना। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता बनी रहती है।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, वरुथिनी एकादशी पर पीले वस्त्रों का दान करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
