रिजर्व बैंक का 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 6.1% रहने का अनुमान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Oct, 2019 02:51 PM

reserve bank estimates economic growth rate to be 6 1 in 2019 20

भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान शुक्रवार को घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया। पहले यह 6.9 प्रतिशत रखा गया था। उसने उम्मीद जताई है कि वर्ष की दूसरी छमाही में वृद्धि में सुधार होगा। चालू वित्त वर्ष की पहली...

मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान शुक्रवार को घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया। पहले यह 6.9 प्रतिशत रखा गया था। उसने उम्मीद जताई है कि वर्ष की दूसरी छमाही में वृद्धि में सुधार होगा। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर के छह साल के निचले स्तर पांच प्रतिशत पर पहुंच जाने के बाद केंद्रीय बैंक का जीडीपी वृद्धि दर के बारे में यह ताजा अनुमान आया है। निजी क्षेत्र की खपत और निवेश में नरमी को इसकी प्रमुख वजह माना जा रहा है। 

आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए सरकार ने कई प्रोत्साहन उपाय किए हैं। इनमें कारपोरेट कर में 10 प्रतिशत तक की भारी कटौती जैसे प्रावधान शामिल हैं। इसके अलावा सरकार ने बैंकों में पूंजी डालने की भी घोषणा की है। चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा शुक्रवार को की गई। इसमें केंद्रीय बैंक ने कहा है कि सरकार के प्रोत्साहन उपायों, नीतिगत दरों में कटौती और अनुकूल बुनियादी कारकों के चलते हर तिमाही में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार सुधरेगी। 

रिजर्व बैंक ने 2020-21 में देश की आर्थिक वृद्धि दर के सात प्रतिशत पर वापस लौटने का अनुमान जताया है। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने कहा कि निकट अवधि में अर्थव्यवस्था का सफर ‘कई जोखिमों से भरा' है। वृद्धि अनुमान में इस बड़ी कटौती की वजह बताते हुए रिजर्व बैंक ने कहा कि निजी क्षेत्र की खपत और निवेश उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ सकी। वहीं वैश्विक व्यापार में नरमी के दबाव से निर्यात की रफ्तार खो गई। 

मौद्रिक नीति के अनुसार, ‘‘आधारभूत आकलनों, सर्वेक्षण के संकेतकों, बुनियादी कारकों और फरवरी से रेपो दर में की जा रही कटौती को ध्यान में रखते हुए 2019-20 में जीडीपी की वास्तविक वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जोखिमों का समान रूप से संतुलन करने के साथ यह दूसरी तिमाही में 5.3 प्रतिशत, तीसरी में 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 7.2 प्रतिशत रह सकती है।'' रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यापार तनाव बढ़ने, नो-डील ब्रेक्जिट समझौता नहीं होने और वैश्विक वित्तीय बाजार में अस्थिरता बढ़ने से बुनियादी विकास के रास्ते में जोखिम बना है। 

हालांकि, अगस्त-सितंबर में निवेश और वृद्धि बढाने के सरकार के उपायों, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति में सुधार सरकारी बैंकों में पूंजी डालने और सरकारी बैंकों के विलय से जीडीपी वृद्धि दर की रफ्तार बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा निर्यात और रीयल एस्टेट को प्रोत्साहन, कारपोरेट आयकर की दर में कमी, दबाव वाली परिसंपत्तियों के तेजी से समाधान और रेपो दर में कटौती का लाभ तेजी से नीचे तक पहुंचाने से वृद्धि बढ़ाने में मदद मिलेगी। रिजर्व बैंक द्वारा पेशेवर आकलनकर्ताओं के बीच कराए गए छमाही सर्वेक्षण में भी जीडीपी वृद्धि दर अनुमान 6.1 प्रतिशत पर रहा। 2020-21 के लिए यह सात प्रतिशत तक पहुंचा है। यह केंद्रीय बैंक के स्वयं के अनुमान के मुताबिक है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बार-बार कहा है कि जब भी गुंजाइश होगी केंद्रीय बैंक वृद्धि संबंधी चिंताओं को दूर करने और अर्थव्यवस्था को उबारने में मदद करता रहेगा।
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!