Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Oct, 2023 05:20 PM
बैंकों को बढ़ते खुदरा ऋण के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा चेतावनी जारी करने के कुछ दिन बाद विदेशी ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस सिक्योरिटीज ने इस खंड में चूक का जोखिम बढ़ने को लेकर चिंता जताई है। स्विट्जरलैंड की फर्म के अनुसार, बैंकों के खुदरा बिना...
मुंबईः बैंकों को बढ़ते खुदरा ऋण के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा चेतावनी जारी करने के कुछ दिन बाद विदेशी ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस सिक्योरिटीज ने इस खंड में चूक का जोखिम बढ़ने को लेकर चिंता जताई है। स्विट्जरलैंड की फर्म के अनुसार, बैंकों के खुदरा बिना गारंटी वाले कर्ज में बढ़ते चूक जोखिमों से ऋण नुकसान 0.5 से दो प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
रिजर्व बैंक ने आठ अक्टूबर को बैंकों को बिना गारंटी वाले बढ़ते खुदरा कर्ज को लेकर आगाह किया था। कई साल से बैंक खुदरा कर्ज पर निर्भर रहे हैं क्योंकि कॉरपोरेट मांग अब भी कमजोर बनी हुई है। केंद्रीय बैंक के अनुसार, पिछले तीन साल से बैंकिंग प्रणाली में खुदरा कर्ज औसतन 30 प्रतिशत से ऊपर है, वहीं अन्य ऋण खंड में इसकी एक-तिहाई वृद्धि भी नहीं हुई है।
यूबीएस सिक्योरिटीज ने एक नोट में कहा, “हम बैंकों के खुदरा बिना गारंटी वाले कर्ज में चूक जोखिमों को बढ़ते हुए देख रहे हैं, जिससे उनका ऋण नुकसान 0.5 से दो प्रतिशत तक बढ़ सकता है। हमारा मानना है कि नियामकीय सख्ती का जोखिम अधिक है।”