Edited By Tanuja,Updated: 02 May, 2024 05:41 PM
पिछले 2 साल से अधित समय से चल रही रूस-यूक्रेन जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। रूस के हमलों से यूक्रेन में तबाही जारी है। रूसी रक्षा
इंटरनेशनल डेस्कः पिछले 2 साल से अधित समय से चल रही रूस-यूक्रेन जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। रूस के हमलों से यूक्रेन में तबाही जारी है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने अब एक नया फुटेज जारी किया है जिसमें एक Mi-35M हेलीकॉप्टर कथित तौर पर यूक्रेनी इकाइयों पर हमला करता दिख रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि हमले बिना निर्देशित मिसाइलों से किए गए और दुश्मन के गढ़ों और कर्मियों को निशाना बनाया गया। इस बीच रूस में यूक्रेन से कैप्चर किए गए अमेरिकी,पश्चिमी टैंकों और हथियारों का प्रदर्शन किया गया है। रूस-यूक्रेन जंग के बीच मॉस्को में अमेरिकी और ब्रिटिश टैंकों की प्रदर्शनी लगाई गई है। ये टैंक पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को दिए थे। जंग के दौरान रूसी सेना ने इन्हें कैप्चर किया है। इन टैंकों के पास लाल बैनर लगाए गए हैं, जिसमें लिखा है ‘हमारी जीत तय है।
टैंकों की ये प्रदर्शनी 9 मई को मॉस्को के रेड स्क्वायर विजय दिवस परेड के साथ चलेगी। इसी दिन द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर रूस की जीत हुई थी। पुतिन ने पिछले साल क्रेमलिन के सामने 10 मिनट तक पश्चिमी देशों को धमकाते हुए जंग को ‘निर्णायक मोड़’ पर जाने की बात कहीं थी। क्रेमलिन रूसी राष्ट्रपति के आवासीय परिसर को कहा जाता है, जो मॉस्को में है। यूक्रेन ने तब इसका जवाब देते हुए कहा था कि द्वितीय विश्व युद्ध में रूस की तुलना में उसे ज्यादा नुकसान हुआ था। साथ ही कहा था कि रूस के राष्ट्रपति द्वितीय विश्व युद्ध का क्रेडिट लेना बंद करें।
ब्रिटिश मीडिया संस्थान इंडिपेंडेंट के मुताबिक, जंग में अब तक रूस के 3 हजार से ज्यादा टैंक तबाह हो चुके हैं। बता दें कि 24 फरवरी 2024 को रूस-यूक्रेन जंग को दो साल पूरे हो चुके हैं। 2 साल पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमला किया था और इसे मिलिट्री ऑपरेशन बताया था। जंग में अब तक 40 लाख से ज्यादा यूक्रेनी नागरिकों को देश छोड़ना पड़ा है। ये लोग अब अन्य देशों में रिफ्यूजी की तरह रह रहे हैं।
65 लाख से ज्यादा यूक्रेनी देश में ही बेघर हो गए हैं। यूक्रेन के 10 हजार आम नागरिकों की मौत हुई है, जबकि 18,500 लोग घायल हुए हैं। यूक्रेन का दावा है कि रूस 3.92 लाख सैनिक गंवा चुका है। इस बीच अमेरिका ने रूस की 500 रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए था। इधर, रूस ने भी यूरोपियन यूनियन (EU) की कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए थे।